Positive India Delhi Feb 13, 2021
सरकार श्रवण दोष के शिकार बच्चों के हित में देशभर में भारतीय सांकेतिक भाषा के मानकीकरण पर काम करेगीऔर उन बच्चों के उपयोग के लिए राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर पर पाठ्यक्रम सामग्री विकसित करेगी। इस आशय की घोषणा बजट 2021-22 के दौरान राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के एक हिस्से के रूप में शिक्षा सेजुड़ी पहल के तौर पर की गई है।
इस घोषणा के अनुरूप, शिक्षा मंत्रालय के अधीन स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभागइस वर्ष अप्रैल से निम्नलिखित कार्य करेगा:यूडीएल दिशा-निर्देशों के अनुसार पुस्तकों को ई-पुस्तकों के रूप में परिवर्तित किया जायेगा।
सांकेतिक भाषा के वीडियो बनाये जायेंगे।
सांकेतिक भाषा के लिए एक शब्दकोश/शब्दावली विकसित की जायेगी।
इन संसाधनों को दीक्षा और पीएम ई–विद्या के माध्यम से प्रसारित करने का प्रयास किया जाएगा। सीआईईटी, एनसीईआरटी और आईएसएलआरटीसी के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं और वे भारतीय सांकेतिक भाषा में एनसीईआरटीकीपाठ्यपुस्तकोंपर आधारित वीडियो बनाने के लिए आईएसएलआरटीसी के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।
भारतीय सांकेतिक भाषा (आईएसएल) के मानकीकरण का यह कार्य समाज को समावेशी बनाने औरपूरे भारत में सांकेतिक भाषा की विभिन्न बोलियों के बीच आपसी सामंजस्य स्थापित करने की दिशा में सहयोग और योगदान करने का एक अवसर प्रदान करता है। यह कार्य श्रवण दोष के शिकार बच्चों के सीखने की प्रक्रिया को भी बढ़ावा देगा, जिससे उन्हें अपनी क्षमता को प्रदर्शित करने का बराबरी का अवसर मिलेगा। सभी बच्चे आसानी से एक दूसरे के साथ संवाद कर सकेंगे और एक दूसरे को बेहतर ढंग से जान पायेंगे। यह कदम स्कूल में पढ़ाई के वर्षों के दौरान विकास की महत्वपूर्ण अवधि में समावेशन को बढ़ावा देने में मददगारसाबित होगा।