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नक्सलियों के वारदात से सहमी पुलिस ने जनप्रतिनिधियों को घर छोड़ने का जारी किया फरमान

थाने का पत्र मिलने के बाद हड़कंप में प्रतिनिधि

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नक्सलियों से बचने मानपुर पुलिस ने जारी किया फरमान।
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Positive India:अंबागढ़ चौकी-एनीशपुरी गोस्वामी:
नक्सलियों से अगर जान बचाना है तो घर छोड़कर भाग जाओ। सुरक्षित जगह ढूंढ लो या किसी रिश्तेदार के घर चले जाओ‌, यह नक्सली फरमान नहीं बल्कि सुरक्षा का दम भरने वाली पुलिस जनप्रतिनिधियों से अपील कर रही है,कुछ इसी मजबून का खत पुलिस ने मानपुर क्षेत्र के सभी निर्वाचित प्रतिनिधियों को भेजा है।

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उल्लेखनीय है कि आज एक ऐसा ही पत्र मानपुर इलाके के जनप्रतिनिधियो ने उपलब्ध कराया है जिसमें मानपुर थाने से जारी नोटिस में कहा गया है कि ,नोटिस के जरिए सूचित किया जाता है कि मानपुर क्षेत्र में हाल के दिनों में प्रतिबंधित संगठन भाकपा माओवादी के सदस्यों द्वारा क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों ,आदिवासी ग्रामीणों को पुलिस का मुखबिरी के नाम से टारगेट कर हत्या किये है।अतः आप दूरस्थ अंदरूनी क्षेत्रों में न रहकर किसी सुरक्षित स्थल या रिश्तेदार के यहां चले जाएं और किसी भी प्रकार की जानकारी मिलने पर तत्काल पुलिस को इसकी जानकारी देवें ताकि पुलिस आपकी सुरक्षा कर सके। मानपुर पुलिस के थाना प्रभारी लक्ष्मण केवट के हवाले से जारी पत्र में मानपुर थाना क्षेत्र के तमाम जनप्रतिनिधियों को इस तरह का नोटिस तमिल कराई गई है जिसके बाद इलाके के निर्वाचित नेताओं के बीच हड़कंप मचा हुआ है।

1.भाजपा नेता सहित 25 ग्रामीणों को मौत की सजा देने का फरमान-
नक्सलियों ने 14 जनवरी को परदोनी गांव के पूर्व सरपंच मैनू सलाम की हत्या करने के साथ पर्चा फेंककर वारदात की जिम्मेदारी आरकेबी डिवीजन ने ली थी। उनके हवाले से बयान जारी कर भाजपा नेता राजू टांडिया को RSS का नेता बताते हुए जनता से माफी मांगने का फरमान जारी किया। माफी नहीं मांगने पर जान से मारने की चेतावनी दी है। इसके साथ ही 25 अन्य ग्रामीणों को भी कथित तौर पर पुलिस का मुखबिर बताते हुए माओवादी संगठन ने जन अदालत में मौत की सजा देने का फरमान जारी किया है।

2.माओवादी संगठन को दी जा रही झूठी जानकारी-विश्व सूत्रों के अनुसार परदोनी घटना के बाद माओवादी संगठन बदले के रास्ते पर हैं इसी का फायदा उठाते हुए कुछ कतिपय लोग मानपुर इलाके के कई गांव के आम ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों का नाम दे दिए हैं पुलिस का मुखबिर बताते हुए माओ संगठन इसी रास्ते पर सीरियल हत्याओं को अंजाम देने तुले हुए हैं।

3.एनकाउंटर का बदला ग्रामीणों से -आठ माह पूर्व परदोनी के जंगल में डीवीसी लेवल के हार्डकोर नक्सली अशोक उर्फ बल्ली, कृष्णा उर्फ नागेश, सविता सलामे, प्रमिला रव्वालेर का पुलिस बल ने एनकाउंटर कर दिया था जिसके बाद बदले की कार्रवाई करते हुए नक्सली संगठन ने अब मानपुर के भीतर हत्याओं का तांडव प्रारंभ कर दिया है।

4.नोटिस के बाद सहमे निर्वाचित प्रतिनिधि-नक्सलियों के खिलाफ कारगर कदम उठाने के बजाएं मानपुर पुलिस ने नोटिस के हवाले से निर्वाचित प्रतिनिधियों को घर छोड़ने के फरमान जारी कर दिया जिसके बाद नेताओं में हड़कंप की स्थिति पैदा हो गई है।

5.मानपुर के चारों तरफ थाने और चौकी फिर भी सहमी पुलिस-मानपुर पुलिस डिवीजन के मुख्यालय में भारी संख्या में आइटीबीपी ,डीआरजी ,जिला पुलिस बल के तैनाती के साथ साथ खडगांव, पानाबरस, मदनवाड़ा,बसेली ,कोहका, सीतागांव मे नक्सल ऑपरेशन के लिए थाना और पुलिस चौकी खोली गई है बावजूद मानपुर पुलिस नक्सल मूवमेंट और वारदात से सहमी हुई है जिसके चलते इस तरह का फरमान प्रतिनिधियों को नोटिस के जरिए थमाया जा रहा है।

“जनप्रतिनिधियों के सुरक्षा की दृष्टिकोण से पुलिस के द्वारा पत्र प्रेषित किया गया है,” डी.श्रवण(एसपी राजनांदगांव)
-एनीशपुरी गोस्वामी की रिपोर्ट-

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