positive India:Delhi;Jan 17,2021
उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू और उनकी पत्नी श्रीमती उषा नायडू ने आज पोंडा में मातृछाया कन्या अनाथालय का दौरा किया, यहां लोगों से बातचीत की
उपराष्ट्रपति ने सामाजिक सेवा में समर्पित गैर सरकारी संगठन मातृछाया की सराहना की
उपराष्ट्रपति ने कॉरपोरेट क्षेत्र से अपील की कि सीएसआर के तहत एनजीओ की मदद करें
श्री नायडू ने कोविड योद्धाओं द्वारा निस्वार्थ सेवा और वैज्ञानिकों द्वारा वैक्सीन इजाद करने के लिए उनकी सराहना की का दौरा किया। ये गोवा में पणजी से करीब 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। दोनों ने यहां रहने वाली लड़कियों और स्टाफ से बातचीत भी की। उपराष्ट्रपति यहां अपनी पुत्री श्रीमती दीपा वेंकट और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ पहुंचे थे। श्रीमती वेंकट स्वर्ण भारत ट्रस्ट की मैनेजिंग ट्रस्टी हैं।
नायडू और उनकी पत्नी को यहां इस संस्था के परिसर का दौरा करवाया गया। इस दौरान उन्हें संस्था द्वारा गरीब और अनाथ कन्याओं की स्वस्थ माहौल में परवरिश के लिए किए जा रहे प्रयासों के बारे में भी बताया गया।
मातृछाया ट्रस्ट के सदस्यों की सराहना करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि वे संस्था द्वारा किए जा रहे कार्यों से वे बेहद प्रभावित हैं। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि संस्था द्वारा सही मायनों में देश की पुरातन ‘शेयर एंड केयर’ की प्रथा के अनुरूप जरूरतमंदों की सेवा की जा रही है। श्री नायडू ने आगे कहा कि सेवा की भावना से एक व्यक्ति में संतुष्टि का भाव पैदा होता है। स्वर्ण भारत ट्रस्ट के साथ अपने अनुभवों को साझा करते हुए श्री नायडू ने कहा कि वे जब भी वहां बच्चों से बातचीत करते हैं तो खुद को ऊर्जावान महसूस करते हैं।
नायडू ने इस बात पर खुशी जताई कि यहां से 800 से ज्यादा बच्चियों को गोद लिया जा चुका है और 30 से ज्यादा कन्याओं की शादी भी हो चुकी है। उन्होंने कहा कि ये जानकर भी प्रसन्नता हो रही है कि बच्चियों ने यहां पढ़ाई-लिखाई और खेलकूद में भी काफी तरक्की की है।
उपराष्ट्रपति ने यह कहा कि कई एनजीओ केंद्र और राज्यों के कार्यक्रमों का लाभ अपने समानांतर प्रयासों से देशभर में पहुंचा रहे हैं। “मैं देश के कॉरपोरेट क्षेत्र के लोगों से अपील करना चाहता हूं कि वे कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व के तहत उन संस्थाओं की मदद करें जो सामाजिक सेवा में समर्पित भाव से कार्य कर रही हैं।”
इस दौरान उपराष्ट्रपति को मातृछाया ट्रस्ट द्वारा की जा रही अन्य सामाजिक परियोजनाओं की भी जानकारी दी गई। तलौली में लड़कों के लिए बाल कल्याण आश्रम, मडगाँव में लड़कियों के लिए घर, रुग्णाश्रय और जरूरतमंद मरीजों के रहने के लिए घर जैसी अन्य गतिविधियों के बारे में भी उन्हें बताया गया। साल 1976 में कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं ने साथ मिलकर मातृछाया एनजीओ की शुरुआत की थी।
विश्व के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान, जिसकी शुरुआत आज देश में हुई, उसकी सराहना कहते हुए श्री नायडू ने कहा कि यह राष्ट्र के लिए गर्व की बात है। यह हमारी बढ़ती आत्मनिर्भरता का भी एक शानदार संकेत है। उन्होंने लोगों के जीवन की रक्षा के लिए निस्वार्थ और अथक परिश्रम करने वाले वैज्ञानिकों और अग्रिम पंक्ति के कोविड योद्धाओं की भरपूर सराहना की।