Positive India Delhi Nov 03, 2020.
टेली लॉ के जरिए 30 अक्टूबर 2020 को 4 लाख लाभार्थियों को सीएससी (कॉमन सर्विस सेंटर) के तहत कानूनी सलाह प्रदान की गई जो कि अपने आप में एक मील का पत्थर साबित हुआ है। कार्यक्रम के शुभारंभ के बाद से अप्रैल 2020 तक जहां कुल 1.95 लाख लोगों को सलाह दी गई वहीं इस वित्तीय वर्ष के पहले सात महीनों के दौरान 2.05 लाख लोगों को सलाह प्रदान की गई।
भारत सरकार के “डिजिटल इंडिया विजन” के माध्यम से न्याय विभाग ने ‘सभी के लिए न्याय’ को वास्तविकता प्रदान करने और सभी की न्याय तक पहुँच बनाने के लिए “उभरते” और “स्वदेशी” डिजिटल प्लेटफार्मों का उपयोग किया। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए, 2017 में अभियोजन से पहले के चरण में ही मामलों को निपटाने के लिए टेली-लॉ कार्यक्रम शुरू किया गया था। इस कार्यक्रम के तहत गरीबों, वंचितों, कमजोर तथा दूर-दराज रहने वाले समूहों और समुदायों को समय पर और मूल्यवान कानूनी सलाह प्रदान करने के लिए वकीलों के साथ जोड़ा जाता है और इसके लिए पंचायत स्तर पर कॉमन सर्विस सेंटरों के विशाल नेटवर्क पर उपलब्ध वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, टेलीफोन/इंस्टेंट कॉलिंग सुविधाओं की स्मार्ट तकनीक का उपयोग किया जाता है।
कानूनी समस्याओं की शुरुआती पहचान, हस्तक्षेप और रोकथाम की सुविधा के लिए खासतौर पर तैयार टेली-लॉ सेवा, एनएएलएसए और सीएससी ई-गवर्नमेंट के जरिए अग्रिम पंक्ति के स्वयंसेवकों के एक समूह के माध्यम से दूर-दराज के समूहों और समुदायों तक पहुंच बनाती है। इन स्वयंसेवकों को एक मोबाइल एप्लिकेशन दिया जाता है ताकि वे अपने क्षेत्र में कार्य के दौरान लोगों को निरंतर कानूनी सलाह और परामर्श प्रदान करने के लिए उन्हें वकीलों के समर्पित पूल से जोड़ सकें। ये वकील उन्हें जरूरी सलाह देते हैं। समृद्ध आईईसी को अपने सार्वजनिक पोर्टल पर अपलोड किया गया है जिसे https://www.tele-law.in/ पर एक्सेस किया जा सकता है। वास्तविक समय डेटा और प्रदान की गई सलाह की प्रकृति को देखने के लिए अलग डैशबोर्ड विकसित किया गया है। निकट भविष्य में जिला स्तर के विवरण के स्तर को सुनिश्चित करने के लिए इस डेटा को पीएमओ के प्रयास पोर्टल पर भी डाला जा रहा है।