Positive India:Sujit Tiwari:
टर्की-पाकिस्तान से फ़्रांस के बॉयकॉट करने की बात अब भारत के कुछ हिस्सों से भी सुनाई देने लगी है….हालांकि इस बात पर किसी को आश्चर्य नहीं हैं…लेकिन एक बार फिर इस बहस ने जन्म ले लिया है कि जब भारत के सामरिक महत्त्व की आएगी और भारत डिप्लोमैटिकली किसी देश के समर्थन में आएगा, तो क्या देश का एक वर्ग भारत के हितों के खिलाफ सड़कों पर उतर पड़ेगा…
एक नज़र में भारत-फ़्रांस के आपसी संबंधों को समझ लेते हैं:
1. विशेष तौर पर आतंकवाद, डिफेंस , Nuclear और Space जैसे विषयों पर भारत और फ्रांँस के संबंध काफी समय से घनिष्ट और मैत्रीपूर्ण रहे हैं।
2. फ्रांँस, भारत के लिये विदेशी निवेश का एक प्रमुख स्रोत है. अप्रैल 2000 से दिसंबर 2018 के बीच फ्रांँस से भारत में कुल 6.59 बिलियन डॉलर का विदेशी निवेश हुआ था।
3. फ्रांँस की सैकड़ों कंपनियाँ भारत में ऑपरेट करती हैं..
4. दोनों देशों की नौसेना, वायुसेना, थल सेना के बीच 3 अभ्यास रेगुलर चलते हैं.
5. अभी कुछ महीने पहले ही फ्रांँस की Dassault Aviation के बनाये 5 राफेल लड़ाकू विमान आये हैं.
6. ISRO, फ्रांँस की अंतरिक्ष एजेंसी CNES के साथ मिलकर लगभग 50 सालों से भी ज्यादा समय से जॉइंट रिसर्च प्रोग्राम्स कर रहा है…और भविष्य के प्रोजेक्ट्स के लिए भी एक विश्वसनीय पार्टनर बन कर उभर रहा है.
Post Corona वर्ल्ड में जब देश एक नए सिरे से एक दूसरे के साथ अपने अपने संबंधों पर चर्चा कर रहे हैं….एक दूसरे के हितों को लेकर साझी रणनीति बना रहे हैं….चीन के इन्फ़्लुएंस से अपने आप को सुरक्षित करने के प्रयास कर रहे हैं…वहाँ democracy की shared values पर आधारित भारत-फ़्रांस के संबंधों के खिलाफ अपने ही देश में मोर्चा खोला जाना निराशाजनक है…और वो भी ऐसे समय में जब फ्रांस Brexit के बाद वाले यूरोप में हमारी एंट्री का मजबूत आधार बनने जा रहा हो.
बात मेक्रो या मोदी की नहीं है….बात मुद्दों की है…और ये मुद्दे….ये वैल्यूज इनके बाद के समय में भी फ़्लैश पॉइंट बनती ही रहेंगी….ऐसे में देश-हित को भूलकर सड़कों पर शक्ति प्रदर्शन एक कभी न खत्म होने वाली लड़ाई में विश्व को झोंकने का काम कर सकते हैं.
#India #France #IndiaStandsWithFrance
साभार:सुजीत तिवारी-एफबी(ये लेखक के अपने विचार हैं)