Positive India Delhi 22 October 2020
थल सेना अध्यक्ष (सीओएएस) जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने 21 अक्टूबर, 2020 को कॉलेज ऑफ़ डिफेंस मैनेजमेंट (सीडीएम) और बिसन डिवीजन सिकंदराबाद का दौरा किया। सुरक्षा प्रबंधन पाठ्यक्रमों के इस प्रतिष्ठित रक्षा प्रबंधन कॉलेज के अधिकारियों से थल सेनाध्यक्ष ने बातचीत की। इस बातचीत के दौरान थल सेना प्रमुख ने वर्तमान सुरक्षा प्रशिक्षण के बारे में बात की और राष्ट्रीय हित के उद्देश्यों हेतु भारतीय सेना के इस्तेमाल में क्षमता निर्माण में भू-राजनैतिक स्थिति को ध्यान में रखने का उल्लेख किया।
सीडीएम के छात्रों, अधिकारियों और शिक्षकों से बात करते हुए उन्होंने विभिन्न मुद्दों का जिक्र किया, जिसमें भारतीय सैन्य बलों के एकीकरण और आधुनिकीकरण समेत कई विशेष मुद्दे शामिल थे। सरकार के रक्षा प्रमुख यानि सीडीएस नियुक्त करने और सैन्य मामलों का विभाग गठित करने के फैसले को उन्होंने प्रभावशाली कदम बताते हुए कहा कि रक्षा प्रमुख का पद सृजित करने की भारतीय सशस्त्र बलों की लंबे समय से मांग रही है जो अब पूरी हो गई है अतः अब सेवाओं में और अधिक बुद्धिमत्ता, निपुणता तथा कुशलता के प्रदर्शन की आवश्यकता है।उन्होंने कहा कि सेना में सुधार का अगला तार्किक कदम और प्रक्रिया एकीकृत थिएटर कमांड का गठन था, जिससे युद्ध और शांति के दौरान तीनों सेनाओं के युद्ध कौशल को लयबद्ध किया जा सके। उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया सूझ बूझ, सुविचारित और व्यवस्थित ढंग से क्रियान्वित की जाएगी। हालांकि इसके परिणाम आने में कुछ वर्ष लग सकते हैं।
थल सेना अध्यक्ष ने सभी रैंक के अधिकारियों से कहा कि प्रत्येक को एकजुटता और विश्वास की भावना के साथ काम करने की आवश्यकता है जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े हित सर्वोपरि होने चाहिए। उन्होंने यह चेताया भी कि मध्यावधि पाठ्यक्रम संशोधन की आवश्यकता पड़ सकती है।
सेनाध्यक्ष ने कहां की वह भविष्य में सशस्त्र बलों के एकीकरण को लेकर आशावादी हैं जो कि एक अनिवार्य आवश्यकता है और जिससे तीनों सेवाओं में बेहतर तालमेल और संसाधनों का श्रेष्ठतम इस्तेमाल हो सकेगा। उन्होंने तकनीकी रूप से दक्ष, प्रबंधन में कुशल और रणनीतिक रूप से चतुर उच्च स्तर के नेतृत्व का निर्माण करने के लिए सीडीएम के उत्कृष्ट कार्यों की सराहना की। उन्होंने इस अवसर पर स्वर्ण जयंती स्मारक कॉफी टेबल पुस्तिका भी जारी की।
बिशन डिवीजन पर जनरल ऑफिसर कमांडिंग मेजर जनरल आलोक जोशी ने सुरक्षा और संचालन संबंधी तैयारियों के बारे में संक्षिप्त विवरण दिया। इस अवसर पर दक्षिणी कमांड के जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल सीपी मोहंती भी उपस्थित थे।
सेना अध्यक्ष ने उच्च स्तरीय संचालन तैयारियों को जारी रखने के आदेश दिए और सभी रैंक के अधिकारियों को कड़ी मेहनत के साथ प्रशिक्षण जारी रखने और भविष्य में किसी भी तरह की संचालन चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहने को कहा। उन्होंने हाल ही में आई बाढ़ की घटनाओं के दौरान राहत और बचाव कार्यों तथा सैन्य इकाइयों द्वारा कोविड-19 के खिलाफ अपनाए गए उच्च स्तरीय उपाय के लिए सराहना की। बाद में थल सेना अध्यक्ष ने सिकंदराबाद क्षेत्र सिम्युलेटर डेवलपमेंट डिविजन एसडीडी का दौरा किया और वह टाटा बोईंग एयरोस्पेस लिमिटेड टीबीएएल, हैदराबाद भी गए, जो कि अपाचे-64 हेलीकॉप्टर के उत्पादन के लिए बोइंग और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स का संयुक्त उपक्रम है। उन्होंने मेक इन इंडिया पहल तथा उच्च प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भर बनने के लिए किए जा रहे प्रयासों की भी सराहना की।