Positive India Delhi 22 October 2020.
आयकर विभाग ने 19 अक्टूबर 2020 को बिहार में पूर्णिया, कटिहार और सहरसा में दो सरकारी ठेकेदारों और भागलपुर के एक रेशम व्यापारी के ठिकानों पर तलाशी अभियान चलाया। तलाशी अभियान खुफिया सूचना के आधार पर चलाया गया था। इसके अनुसार बड़े पैमाने पर बेहिसाब नकदी जमा की गई थी और इसका इस्तेमाल विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जा रहा था।
ठेकेदारो ने मज़दूर, परिवहन और ईंधन खर्च के फर्जी दावे पेश किये थे और इस बारे में उन्होंने कोई भी दस्तावेज़ी प्रमाण प्रस्तुत नहीं किया था। इसके अलावा, वे काल्पनिक व्यक्तियों के बैंक खातों से नकदी निकालते पाए गए। तलाशी के दौरान हस्ताक्षरित खाली चेक सहित दोषी ठहराने वाले दस्तावेजों को जब्त कर लिया गया है। कुछ मामलों में, फर्जी खर्चों के लिए खातों के रजिस्टरो में देनदारियों को जारी रखा गया था। वे अघोषित बैंक खातों का भी रख-रखाव कर रहे थे, जिसमें बेहिसाब नकदी जमा की जा रही थी, जिसका उपयोग सावधि जमा के लिए किया जाता था, जो कि अनुबंध प्राप्त करने के लिए सुरक्षा के रूप में सरकारी विभागों को दिए जाते थे। इन बैंक खातों से बड़ी नकदी निकासी भी की गई है। इन नकदी निकासी के उद्देश्य को स्पष्ट नहीं किया जा सका। अघोषित बैंक खातों में लेन-देन की जांच की जा रही है।
तलाशी के दौरान, बेहिसाब नकदी, सावधि जमा और 2.40 करोड़ रुपये जब्त/प्रतिबंधित कर दिए गए हैं। रेशम व्यापारी के मामले में बेहिसाब स्टॉक का भी पता चला है। लगभग 10 करोड़ रुपये की आय को छिपाने के संकेत मिले हैं। अचल संपत्तियों में बेहिसाब निवेश के दस्तावेज पाए गए हैं और उन्हें जब्त कर लिया गया है। ये सम्पत्तियों के मूल्यांकन और संलग्न होने की प्रक्रिया जारी है।
आगे की जांच जारी है।