कृषि बजट पिछले 10 वित्त वर्ष 11 गुणा बढ़ा : संतोष गंगवार
वित्त वर्ष 1.34 लाख करोड़ रुपये हुआ, नए कृषि सुधारों से काफी लाभ होगा
Positive India: Delhi ;4 October 2020.
Ministry of Labour & Employment
कृषि बजट पिछले 10 वित्त वर्ष में 11 गुणा बढ़कर 1.34 लाख करोड़ रुपये हुआ, नए कृषि सुधारों से काफी लाभ होगा : श्री संतोष गंगपरिवर्तनकारी श्रम सुधारों से संगठित और असंगठित क्षेत्र के 50 करोड़ से अधिक श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा का लाभ मिलेगा: श्री गंगवार
श्री गंगवार ने कहा कि पिछले 73 वर्षों में पहली बार सरकार ने देश में एक पारदर्शी, पूर्ण समावेशी और उपयुक्त श्रम कल्याण तंत्र प्रदान किया है
केंद्रीय श्रम मंत्री ने भारतीय मज़दूर संघ और पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलनों को संबोधित किय
Posted Date:- Oct 03, 2020
केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री श्री संतोष गंगवार ने आज कहा कि नए कृषि कानूनों और श्रम सुधार कानूनों से किसानों तथा कामगारों को काफी लाभ होगा। किसान हितैषी पहलों पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने बताया कि कृषि मंत्रालय का बजट 11गुणा बढ़कर 1.34 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया है, जो कि यूपीए सरकार के कार्यकाल में 2009-10 में 12,000करोड़ रुपये था। उन्होंने कहा कि यह देश में किसानों के कल्याण के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए श्री गंगवार ने कहा कि नए कृषि कानूनों का उद्देश्य किसानों को देश में किसी भी तरह की उपज बेचने के लिए विपणन स्वतंत्रता प्रदान करना है। श्री गंगवार ने इस बात पर जोर दिया कि किसान अब अपनी उपज दूसरे राज्यों में भी बेहतर दामों पर बेच सकेंगे। केंद्रीय मंत्री ने न्यूनतम समर्थन मूल्य खत्म करने की आशंकाओं को भी दरकिनार करते हुए कहा कि यूपीए शासन काल की तुलना में फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में काफी वृद्धि हुई है।
गंगवार ने पीएचडी चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स के सम्मलेन में श्रमिकों से सम्बंधित प्रमुख श्रम कानूनों के लाभों के बारे में व्यापक रूप से चर्चा की और बाद में भारतीय मज़दूर संघ के राष्ट्रीय सम्मेलन में भी इस बारे में बातचीत की। उन्होंने कहा कि इन सुधारों से आने वाले दिनों में श्रमिकों को आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलेगी। श्री गंगवार ने यह भी बताया कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने तीनों श्रम संहिताओं को अपनी सहमति दे दी है।कें मंत्री ने कहा कि अभूतपूर्व श्रम कल्याण और लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के अलावा इन श्रम संहिताओं से व्यापार को आसानी से आगे बढ़ाने में भी मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि उद्योग और कामगार एक दूसरे के पूरक हैं और इसलिए सभी को बदलते समय के साथ मिलकर काम करना होगा।