www.positiveindia.net.in
Horizontal Banner 1

आत्मनिर्भर भारत अभियान ने भारत के अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में अवसरों के नए द्वार खोले:सुश्री उइके

राज्यपाल ग्लोबल काउंटर टेरोरिज्म काउंसिल द्वारा आयोजित ऊर्जा सुरक्षा सम्मेलन के वेबिनार में हुई शामिल

Ad 1

पॉजिटिव इंडिया रायपुर 1 अक्टूबर 2020

Gatiman Ad Inside News Ad

आत्मनिर्भर भारत अभियान ने भारत के अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में अवसरों के नए द्वार खोले हैं। यदि हम इस क्षेत्र में आत्मनिर्भरता लाते हैं तो इससे लोगों को रोजगार भी मिलेगा और इससे अर्थव्यवस्था में मजबूती भी आएगी। भारत की प्राचीन आर्थिक व्यवस्था पूरी तरह से प्रकृति जनित और उस पर आधारित थी। यहां हमेशा से प्रकृति के साथ सामंजस्य को महत्व दिया गया है। साथ ही जल, जमीन और जंगल के महत्व और उनके उचित उपयोग की सीख दी गई। आज भारत के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती एवं अवसर यह है कि अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में दुनिया को एक सूत्र में बांधने के लिए वह वैश्विक भूमिका में अपने आप को प्रस्तुत करे। आइए हम इस अवसर का लाभ उठाएं और हमारे देश को उच्चतम स्थान पर स्थापित करें। यह बात राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने कही। वे आज ग्लोबल काउंटर टेरोरिज्म काउंसिल द्वारा आयोजित ऊर्जा सुरक्षा सम्मेलन के वेबिनार सीरिज को संबोधित कर रही थी।
राज्यपाल ने कहा कि करीब कुछ महीने से पूरा विश्व कोरोना महामारी से जूझ रहा है। जल्द हम कोविड पर विजय प्राप्त करेंगे तो उसके पश्चात् हम पाएंगे कि दुनिया की तस्वीर बिल्कुल अलग होगी। आज भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। भारत वैश्विक नेतृत्व के रूप में उभर सकता है और दुनिया की निगाहें भी इस ओर है। पिछले कुछ सालों में भारत में प्रति व्यक्ति ऊर्जा की खपत में वृद्धि हुई है। बिजली की खपत में वृद्धि के कारण तापीय बिजली घर की क्षमता में भी इजाफा हुआ है। इस कारण कार्बन उत्सर्जन में भी साल दर साल बढ़ोत्तरी हो रही है। इस स्थिति में अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में संभावनाएं बढ़ती जा रही है।
राज्यपाल ने कहा कि हम ऊर्जा की बात करें तो प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आत्मनिर्भर बनने का आह्वान किया है। यह निर्भरता हर क्षेत्र में होगी। आत्मनिर्भर बनने के लिए ऊर्जा का होना आवश्यक है। सुश्री उइके ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2018 के ग्लोबल अक्षय ऊर्जा सम्मेलन में सौर उर्जा के महत्व पर जोर देते हुए विश्व के सभी देशों से मिलकर कार्य करने का आह्वान किया था। उन्होंने वर्ष 2018 में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन की पहली सभा में ‘एक विश्व, एक सूर्य, एक ग्रिड’ की अवधारणा प्रस्तुत की। इसका उद्देश्य ही एक ग्रीन ग्रिड के माध्यम से पूरी दुनिया में अक्षय उर्जा में आपूर्ति संतुलन स्थापित करना और आपस में साझा करना था। ऐसी व्यवस्था से सातों दिन और 24 घंटे विद्युत की आपूर्ति की जा सकती है। हमारे देश के द्वारा प्रस्तुत की गई यह अवधारणा नवीनीकरण ऊर्जा को बढ़ावा देने की दिशा में बड़ा कदम है और यह भी संकेत करता है कि भारत ऐसे अवधारणा के माध्यम से आत्मनिर्भरता की ओर तो बढ़ेगा ही साथ ही ऊर्जा के क्षेत्र में पूरे विश्व का नेतृत्व भी करेगा।
उन्होंने कहा कि भारत ने सौर ऊर्जा के क्षेत्र में काफी उपलब्धियां हासिल की है और यह भी अनुमान लगाया जा रहा है कि साल 2020 तक भारत 175 गीगावाट ऊर्जा हरित साधनों से पैदा करेगा और 2030 तक यह साढ़े चार सौ गीगावाट तक पहुंच जाएगी। भारत, अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में विश्व का मुखिया बनने की संभावनाएं दिख रही है। अक्षय ऊर्जा, जिसमें सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा इत्यादि का इस्तेमाल हमारे देश में कहीं-कहीं कर रहे हैं।

Naryana Health Ad
Horizontal Banner 3
Leave A Reply

Your email address will not be published.