Positive India:Suresh Mistry:
प्रजा तंत्र में लोकमानस में जिसकी छवि नायक यानी हीरो जैसी है उसका आप सीधा विरोध कर सिर्फ़ अपनी मुश्किल बढ़ा लेते है….!
दो टके का फिल्मी स्टार भी जहां बिना सर पैर वाले लाखों प्रशंसक रखता हो और आप सार्वजनिक जीवन में उस पर आक्रमक होकर प्रहार करिए तो उसका प्रशंसक वर्ग आपका शत्रु बन जाता है….!
और अगर आप लोकतंत्र की संसदीय राजनीति में है तो आप एक समझदार राजनीतिज्ञ होने के नाते ऐसा जोखिम नहीं लेंगे जहां प्रत्येक वोट गिनती और मायने रखता है…..!
कम से कम किसी एक पूरे वर्ग को तो नाराज़ नहीं ही करेंगे…
आज देश में स्वर्गीय सुशांत की हत्या ने….. कितने धुर घोर राष्ट्र द्रोहियो की जमीन खोद ली जिनके पीछे भारतीय फिल्म जगत और क्षेत्रवाद भाषा वाद की अपनी प्रशंसक और वोट बैंक फौज थी…
फिल्मी हीरो हेरोइन भांड लोग सिर्फ नशेड़ी और जिश्म फरोश वेश्याएं एवम् दल्ले के रूप में राष्ट्र हित विरोधी रूप में सामने आ गए….
भाषा बाद की राजनीति करते गुंडों की फौज जो छद्म हिंदुत्व का चौला पहन देश के बहुसंख्यक को धोखा दे चुकी थी नग्न हो गई…
बोली वुड राजनीति और माफिया का रैकेट अब जनमानस में स्पष्ट उजागर हो चुका है….
प्रजा के मानस में जो कल तल “हीरो” थे उनके “नेता” थे… आज वह किस स्थिति में पहुंच गए है कहने की आवश्यकता नहीं…!
वक़्त का पहिया घूम गया है… और नए नायक नए नेतृत्व उदय और स्थापित होंगे….!
बस समय अपनी करवट लेे चुका है…!
धैर्य से समझदारी पूर्वक आप अपना पक्ष चुन लीजिए…!
काल की कलम अपने अगले नायक निर्माण कर रही है
✍️ सुरेश
Courtesy:Suresh Mistry-fb wall