www.positiveindia.net.in
Horizontal Banner 1

कोण्डागांव कलेक्टर ने ली आईटीआई प्राचार्यो और व्यवसायियों की बैठक

विद्यार्थियों को रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण से जोड़ने की होगी पहल

Ad 1

पॉजिटिव इंडिया :रायपुर (कोण्डागांव), 26 जून 2020

Gatiman Ad Inside News Ad

बदलते समय के अनुरुप छात्रों को अध्ययन के साथ-साथ विभिन्न स्व-रोजगार प्रशिक्षण दिया जाना अब जरुरी हो चला है। इसके चलते व्यवसायिक प्रशिक्षण एवं शिक्षा के दायरे को विस्तारित रुप देना होगा। इससे स्कूल-कॉलेज में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए रोजगार एवं स्व-रोजगार के अवसरो में वृद्धि होगी।‘‘
आज कलेक्ट्रेट के सभाकक्ष में कलेक्टर पुष्पेंद्र कुमार मीणा द्वारा आईटीआई प्राचार्यो एवं स्थानीय उद्योगो के प्रतिनिधिगणो की बैठक में उक्ताशय के निर्देश दिए गए। उन्होंने आगे कहा कि इसके लिए वृहद कार्ययोजना बनाई जायेगी और प्रशिक्षण के आधार पर स्थानीय उद्योगो के मांग अनुरुप ट्रेड में प्रशिक्षित कुशल एवं दक्ष युवाओं की पूर्ति सुनिश्चित होगी। उद्योगो एवं बाजार के तालमेल के आधार पर स्थानीय युवाओं को आजीविका के नए अवसर उपलब्ध होंगे। राज्य शासन का मुख्य उद्देश्य बेरोजगारी की दर को कम करना है, चूंकि शासकीय नौकरियों की एक सीमा है जो समस्त बेरोजगारो के लिए पूर्ण नहीं है। ऐसे परिस्थिति में स्व-रोजगार ही सर्वश्रेष्ठ विकल्प के रुप में उभरता है।
बैठक में सभी विकासखण्डो के आईटीआई संस्थानों में प्रस्तावित व्यवसाय की भी जानकारी दी गई। इसके अनुसार आईटीआई कोण्डागांव में राईस मिल ऑपरेटर, रिफ्रेजेशन एण्ड एयर कन्डेशनिंग, वेल्डर, केशकाल में फीटर, कोपा, ड्राईवर कम मेकेनिक, फरसगांव के अंतर्गत वेल्डर, कोपा, मोटर मेकेनिक, माकड़ी में वेल्डर, इलेक्ट्रिशियन, मोटर मेकेनिक, विश्रामपुरी में कारपेंटर, ड्रेस मेकिंग के ट्रेड संचालित है। बैठक में यह भी बताया गया कि जिले में चूंकि 26 राईस मिल संचालित है जिसमें ऑपरेटर की आवश्यकता है। इसके अलावा नगरीय क्षेत्रों में रिफ्रेजेशन एण्ड एयर कन्डेशनिंग का अधिकाधिक उपयोग हो रहा है लेकिन जिले में इनके तकनीशियन का अभाव है और इस ट्रेड के प्रारंभ होने से स्व-रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। साथ ही जिले में 30 फ्रेब्रकेशन का कार्य शासकीय एवं निजी क्षेत्र में हो रहा है जबकि क्षेत्र की आवश्यकता बहुत अधिक है। साथ ही जिले में 75 किसान घरेलू विद्युत का उपयोग करते हुए जिसमें अधिकाधिक इलेक्ट्रिशियन की आवश्यकता होती है। साथ ही फर्नीचर निर्माण के कार्य भी जिले में बहुतायत हो रहा है परन्तु स्थानीय कारपेंटर के अभाव में बाहरी कारीगरो से काम लिया जाता है। जिले में वाहनो की संख्या भी अधिक किन्तु प्रशिक्षित वाहन चालक मेकेनिक कम है जिससे इस क्षेत्र में भी उद्यमियों को बाहरी प्रदेश पर निर्भर करना पड़ता है। वर्तमान में बढ़ती हुई तकनीको के कारण कम्प्युटर ट्रेंड की आवश्यकता होती है। इससे बेरोजगारो को हार्डवेयर-साफ्टवेयर एवं ऑनलाईन जॉबवर्क का स्व-रोजगार प्राप्त होगा। कलेक्टर द्वारा बैठक के समापन पर इस संबंध में शीघ्र ही पुनः एक संयुक्त बैठक आयोजित करने के भी निर्देश दिए गए। बैठक में जिला शिक्षा अधिकारी राजेश मिश्रा, डिप्टी कलेक्टर गौतम पाटिल सहित विभिन्न शालाओं के प्राचार्य एवं स्थानीय उद्योगो के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

Naryana Health Ad
Horizontal Banner 3
Leave A Reply

Your email address will not be published.