Positive India:11 May 2020:
भारत में सट्टा बाजार के अग्रणी नामों में शुमार रतन खत्री का रविवार 10 मई को निधन हो गया। ‘मटका किंग’ के नाम से मशहूर 88 वर्षीय खत्री ने मुंबई में लंबी बीमारी के बाद दम तोड़ दिया। कई दशक तक रतन ने भारत के सबसे बड़े सट्टा रैकेट पर राज किया।
सिंधी परिवार से ताल्लुक रखने वाले खत्री परिवार के साथ विभाजन के वक्त पाकिस्तान से आए थे। रतन ने मुंबई में 1962 में मटका (एक तरह का सट्टा) की शुरुआत की। रतन मुंबई सेंट्रल के नवजीवन सोसायटी में रहते में अपने परिवार वालों के साथ रहते थे। रतन खत्री उन्होंने इस व्यवसाय को कल्याण भगत के साथ मिलकर शुरू किया था। हालांकि बाद में दोनों के रास्ते अलग हो गए।
बता दें कि मुंबई की सभी सोसाइटी में मटका काफी फेमस है। मटका यानी एक तरफ से यह सट्टा का खेल होता है। इसमें बड़े पैमाने पर जुआ खेला जाता है। हालांकि भारत में किसी भी तरह का जुआ गैरकानूनी है लेकिन इसके बावजूद मुंबई में बड़े पैमाने पर मटका का कारोबार चल रहा है।
शुरुआत में मटका कपास के दामों पर सट्टा लगाकर खेला जाता था। उस दौरान, न्यूयॉर्क कॉटन एक्सचेंज में कपास के दाम खुलने और बंद होने को लेकर सट्टा लगता था। मटके में पर्चियां डालकर इस जुए को खेला जाता था, इसलिए इसे ‘मटका जुआ’ कहा जाता है।
सूत्रों के अनुसार वह लंबे वक्त से बीमार चल रहे थे। डॉक्टर्स की सलाह पर ही कहीं आते-जाते थे। लॉकडाउन की वजह से मटका किंग के अंतिम संस्कार में केवल कुछ लोग ही शामिल रहे।