कोरोना कहर के बीच प्रधानमंत्री मोदी ने सभी दलों के साथ विचार-विमर्श किया
सरकार की प्राथमिकता प्रत्येक व्यक्ति की जिंदगी को बचाना है: नरेन्द्र मोदी
Positive India:New Delhi;8 April 20
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से संसद में राजनीतिक दलों के सदन के नेताओं के साथ विचार-विमर्श किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मौजूदा समय में पूरी दुनिया कोविड -19 की गंभीर चुनौती का सामना कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान स्थिति मानव जाति के इतिहास में एक युगांतकारी घटना है और हमें इसके प्रभावों का मुकाबला करने के लिए पूरी तरह से सक्षम होना चाहिए। प्रधानमंत्री ने महामारी के खिलाफ इस लड़ाई में केंद्र के साथ मिलकर काम करने वाली राज्य सरकारों के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस लड़ाई में एकजुट मोर्चा पेश करने के उद्देश्य से देश में राज्य-व्यवस्था के सभी वर्गों की एकजुटता के माध्यम से रचनात्मक और सकारात्मक राजनीति देखने को मिल रही है। उन्होंने कहा कि चाहे सामाजिक दूरी बनाए रखना हो या जनता कर्फ्यू या लॉकडाउन के मानदंडों का पालन करना हो, इस तरह के प्रत्येक निर्णय में सभी नागरिक अपनेपन की भावना, अनुशासन, समर्पण और प्रतिबद्धता के साथ अहम योगदान दे रहे हैं, जो निश्चित तौर पर प्रशंसनीय है।
प्रधानमंत्री ने आकस्मिक स्थिति के प्रभाव को रेखांकित किया, जैसा कि संसाधन की कमी के रूप में देखा गया। इसके बावजूद भारत उन कुछ चुनिंदा देशों में से एक है जो वायरस के फैलाव की गति को अब तक नियंत्रण में रखने में सफल रहे हैं। उन्होंने आगाह करते हुए कहा कि स्थिति लगातार बदलती रहती है, अत: सदैव सतर्क रहने की जरूरत है।
प्रधानमंत्री ने यह बात रेखांकित की कि देश में स्थिति ‘सामाजिक आपातकाल’ जैसी है। देश को कठोर निर्णय लेने के लिए विवश होना पड़ा है और उसे आगे भी निरंतर सतर्क रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि कई राज्य सरकारों, जिला प्रशासन और विशेषज्ञों ने लॉकडाउन की समयसीमा बढ़ाने का सुझाव दिया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इन बदलती परिस्थितियों में देश को अपनी कार्य संस्कृति और कार्यशैली में बदलाव लाने के लिए एक साथ प्रयास करने चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता प्रत्येक व्यक्ति की जिंदगी को बचाना है। उन्होंने कहा कि देश कोविड-19 के कारण गंभीर आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहा है, और सरकार उनसे पार पाने के लिए प्रतिबद्ध है।
भारत सरकार के शीर्ष अधिकारियों ने ‘पीएम गरीब कल्याण योजना’ के तहत मिल रहे लाभों के वितरण की स्थिति सहित उभरती चुनौतियों से निपटने के लिए उठाए जा रहे कदमों पर विस्तृत प्रस्तुतियां दीं।
राजनीतिक दलों के नेताओं ने बैठक के लिए प्रधानमंत्री का धन्यवाद किया, उनके द्वारा समय पर किए गए आवश्यक उपायों की सराहना की और इसके साथ ही कहा कि पूरा देश संकट के समय उनके पीछे एकजुट खड़ा है। इन नेताओं ने स्वास्थ्य कर्मियों के स्वास्थ्य एवं मनोबल को बढ़ाने, परीक्षण सुविधाओं में तेजी लाने, छोटे राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों की सहायता करने की आवश्यकता और भूखा रहने एवं कुपोषण की चुनौतियों से निपटने के बारे में चर्चा की। इन नेताओं ने महामारी के खिलाफ इस लड़ाई में देश की क्षमता बढ़ाने के लिए आर्थिक और अन्य नीतिगत उपाय करने के बारे में भी चर्चा की। इन नेताओं ने लॉकडाउन की समाप्ति पर इसे चरणबद्ध ढंग से हटाने और लॉकडाउन की समयसीमा बढ़ाने के बारे में सुझाव दिए।
प्रधानमंत्री ने रचनात्मक सुझाव और जानकारियां देने के लिए इन नेताओं का धन्यवाद किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस लड़ाई में सरकार की सहायता करने की उनकी प्रतिबद्धता देश की सुदृढ़ लोकतांत्रिक नींव और सहकारी संघवाद की भावना की फिर से पुष्टि करती है।
केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री, भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों और देश भर के राजनीतिक दलों के नेताओं ने इस विचार-विमर्श में भाग लिया।