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कोरोना लाकॅडाउन में आम भारतीय कैसे समय व्यतीत कर रहा?

लाकॅडाउन में समय व्यतीत करने की कहानी एक भारतीय की जुबानी ।

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Positive India:Dr.Chandrakant Wagh:
मेरे दोस्तो,आज एक आम आदमी,अगर कोरोना लाॅकडाउन मे अकेले रह रहा है तो वो एक कवारनटाइन से कम नही है । यह बात मै किसी और की नही,बल्कि अपने लिए कह रहा हूं । मै इस समय को पूरे रूप से इंजाॅय कर रहा हू । शासन के जो दिशा-निर्देश है और प्रधानमंत्री जी के देश के नाम से जो संदेश, मीडिया के माध्यम से मिलते है, उन्हे जहां मै पूर्ण रूप से पालन कर रहा हूँ वहीं दूसरो को भी सोशल मीडिया के माध्यम से अपील करते रहता हूं ।

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आज समय ऐसा है कि पहले आप नियम का पालन करे, तभी आप नैतिक रूप से किसी से कह सकते है । मेरे आम दिनचर्या मे सबेरे छह साढे छै बजे सबेरे उठकर, आधे घंटे मे फ्री होकर अपनी चाय बनाने से चालू होने वाला दिन, पेपर से खबरे, चाय पीकर चालू होता है । खबर भी ध्यान से पढ़ने के बाद, आजकल सबेरे समय रहा तो मै इन्ही खबरो मे से फेसबुक के माध्यम से डा.वाघ के वाल से, इन खबरो पर अपनी टिप्पणी करता हू । इस बीच सबेरे आने वाले दूध आदि को लेकर, जब आने वाले की संभावना कम हो जाती है, तो मै करीब करीब एक घंटे योगा और व्यायाम करता हू । योगा मै जगजीत सिंह के भजन, गणेश जी के मराठी भजन,यूट्यूब से सुनते सुनते हुए करता हू, समय का पता ही नही चलता है ।

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इसके बाद मै करीब आधे घंटे पूजा-अर्चना कर अपने लिए उर्जा प्राप्त करता हू । अभी लाॅकडाउन है, तो अपने परिवार और इष्ट मित्रो से, उनके नंबर खोज खोज कर बात करता हू ताकि प्रधानमंत्री द्वारा बताया गया Emotional Distancing को कम किया जा सके। इसी बीच, एक चिकित्सक होने के नाते, जब भी मरीज आते है उन्हे देख भी लेता हू। फिर कोरोना के लिए छोटी छोटी पंक्तिया मैं फेसबुक मे शेयर करता हूं ।

कोरोना लाकॅडाउन मे अकेले होने के कारण कभी मेरे मित्र नट्टू भाई चिंता के चलते नाश्ता भेज देते है । क्योंकि मैं अकेला हूं ,तो खाना खाने के लिए मैं, मेरे बड़े भाई जैसे तुल्य रतन दुग्गड भैय्या के वहां दोनों समय जाता हूं । खाना खाते वक्त मैं Social Distancing का पालन अवश्य करता हूँ । उन्ही के कारण मै यह लाॅकडाउन बगैर किसी मुश्किल के निकाल पा रहा हूं ।

मेरा एक शौक है जो मुझे किचन से जोड़ता है । इसी शौक की वजह से मैं आलू पोहा, उपमा, पेडा, रोस्टेड काजू और यहां तक मक्खन निकाल कर घी तक बनाने मे भी सफल हो गया हूं। उसकी एक अलग ही खुशी हुई जिसे मैं शब्दों में बयां नही कर सकता । हाँ, मैंने इनके फोटो को अपने परिजनो को भी प्रेषित किया ताकि मेरी खुशी को वे भी महसूस कर सके। बीच बीच में थोड़ा गार्डनिंग भी कर लेता हूँ ।

कोरोना लाकॅडाउन मे अधिकांश समय आप लोगो के लिए लेख लिखने मे व्यतीत करता हूँ । मेरी बात को मेरे मित्र पुरूषोत्तम मिश्रा पाजिटिव इंडिया के माध्यम आप तक पहुंचाते है । यह लेख उन लोगो के लिए है, जो लोग इस समय पूरे परिवार मे रहने के बाद भी समय न कटने की शिकायत करते है, तो दुख होता है । हम सभी मे, आज के समय केंद्र सरकार व राज्य शासन तथा प्रधानमंत्री मोदीजी को पूर्ण सहयोग देकर, इस आपदा से निपटने की प्राथमिकता होनी चाहिए । मै, आप लोगो से एक अनुरोध करता हू कि इस कोरोना लाकॅडाउन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान के अनुसार,पांच तारीख को रात नौ बजे 9 मिनट के लिए दिए जरूर जलाये ।
बस आज इतना ही ।
लेखक:डा.चंद्रकांत वाघ(ये लेखक के अपने विचार हैं)

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