जनता कर्फ्यू कोरोना वायरस से बचने का सबसे कारगर तरीका है
India Fights back Coronavirus
Positive India:Dr.Chandrakant Wagh:
कोरोना को लेकर हर खबर देश के लिए संवेदनशील है । पर दुर्भाग्य से कुछ लोग इसकी गंभीरता से परिचित होने के बाद भी, अपने अहम के टकराव को लेकर, वो सहयोग नही दे रहे है जो उन्हें देना चाहिए । इस जानलेवा बिमारी के साथ थोड़ी सी भी कोताही बहुत भारी पड़ जायेगी । सरकार ने जितने भी उपाय थे, कर डाले । यहाँ तक सालाना परीक्षा तक स्थगित हो गई । 144 धारा तक लगा दी गई । पंजाब व महाराष्ट्र मे पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बंद कर दिया गया है । मेट्रो व लोकल भी कैंसल हो गई है । महाराष्ट्र मे प्राइवेट सेक्टर में वर्क टू होम कर दिया गया है । सरकार ने अपने अधिकांश कार्यालय मे अपने कर्मचारी आधे कर दिये है । सरकार ने जितने भी ऐहतियात के कदम उठाने की आवश्यकता है, अपनी तरफ से पूरी गंभीरता से उठाई है ।
पर दुर्भाग्य यह है कि इस तरह के माहौल मे भी लोग अपनी राजनीति से बाज नही आ रहे है । राजनैतिक धृष्टता इतनी है कि उससे वापस लौटना भी नही चाहते । इसका कितना नुकसान देश और देशवासियो को होगा, उसकी कल्पना करना भी मुश्किल है । वहीं दूरदराज के गांवो मे भी हम जैसे चिकित्सकको का रोल भी काफी अहम है । हर वायरल बिमारियों के लक्षण भी शुरूआत में एक जैसे ही होते है । इसलिए बगैर जांच बताना मुश्किल है। इसके बाद भी हमारे लिए पूरी सावधानी से काम करना निहायत जरूरी है ।
अभी जितने भी निर्देश राज्य सरकार व केंद्र सरकार के तरफ से आ रही है उसे हर नागरिक इमानदारी से पालन करे जिससे हम इस महामारी को मात दे सके । आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने भी राष्ट्र के नाम में संदेश मे जो कहा है वो गंभीर बात है । मोदी जी ने जो जनता के लिए कहा है और जनता कर्फ्यू की जो बात की है, उसका मुख्य उद्देश्य यह है कि लोग एक दूसरे से संपर्क मे न आ सके, जिससे यह बिमारी फैल न सके । मोदी जी ने इसी बात को ध्यान मे रखकर देश का आव्हान किया है, जिससे यह बिमारी तीसरे स्टेज मे न पहुंचे। इसी पर पूरी सरकार जिम्मेदारी से काम कर रही है । वहीं नागरिको का भी दायित्व है कि इस आपदा से बचने के लिए वे अपने राष्ट्रीय कर्तव्य को प्राथमिकता दे ताकि भारत को कोरोना वायरस से बचाया जा सके ।
कोविड-19 की भयावहता से बचने के लिए हमे अपने राजनैतिक विरोध को भी दरकिनार करना होगा ,तभी यह देश इस विपदा पर विजय प्राप्त कर पाएगा । आशा है हम इस मकसदम में कामयाब होंगे । इसी आशा के साथ।
लेखक:डा.चंद्रकांत वाघ-अभनपूर ।