www.positiveindia.net.in
Horizontal Banner 1

होली के उपलक्ष्य में कमलनाथ की सरकार को कमल की सरकार मे बदलते देख रहे है लोग

Ad 1

Positive India:Dr.Chandrakant Wagh:
होली मे होली समाचार जैसे लगने वाली बात ने कमलनाथ की सरकार को कमल की सरकार मे बदलते लोग देख रहे है । वैसे भी कांग्रेस की सरकार मे अस्थिरता शुरू से ही दिख रही थी । वहीं कमलनाथ को कांग्रेस की परंपरा के अनुसार उपर से थोपना महाराज ज्योतिराज सिंधिया को गंवारा नही हुआ । इतना पारिवारिक राजनीतिक वजूद होने के बाद भी इस तरह का व्यवहार निश्चित ही बगावत का कारण बना । यह भी निश्चित है कांग्रेस मे जो राजनैतिक हालात है, युवराज के भविष्य को देखकर ही तय होने लगी थी।

Gatiman Ad Inside News Ad

आपका उस पार्टी मे राजनीतिक साख आपकी दुश्मन बनने लगी थी । किसी ऐसे पद मे किसी युवा को बागडोर सौपना और उसका उस पद से न्याय तथा अच्छे से निभा लेना, आने वाले दिनो मे नेतृत्व को कही चुनौती न बन जाए; इसी डर ने ही महाराज और सचिन पायलट के साथ, योग्यता होने पर भी नाइंसाफी हुई है । एक तरफ अशोक गहलोत और कमलनाथ जैसे लोगो को मुख्यमंत्री बनाकर जनता और प्रदेश दोनो को निराश किया है । इसलिए राजस्थान मुख्यमंत्री पद के समय पायलट ने खंदक की लड़ाई लड़ी थी । पर दोनो प्रदेश के लिए आलाकमान का निर्णय पहले से ही तय था ।

Naryana Health Ad

मध्यप्रदेश के सरकार का राजनैतिक असर अब पड़ोस के दोनो प्रदेश महाराष्ट्र और राजस्थान मे भी पडे़गा । इन दोनो राज्यो मे धुंआ तो कब से सुलग रहा है । बस आग लगने की देर है । वही भाजपा ने यूपीए से अपने महाराष्ट्र के राजनीतिक विरोध का बदला ले लिया है । अगर मध्यप्रदेश की सरकार अनैतिक ढंग से बनी है तो महाराष्ट्र मे कोई नैतिकता नही दिखाई गई है। विधानसभा मे बहुमत चाहिए और ये कैसे मिला है, इससे कोई मतलब नही रहता है ।

उल्लेखनीय है महाराज का राजनैतिक पृष्ठभूमि संघ,इसके और पहले जनसंघ के इर्द-गिर्द ही घूमी है । राजमाता सिंधिया पूरे मध्यप्रदेश की राजनीतिक धूरी थी । राजमाता ने मध्यप्रदेश मे देश की पहली गैर राजनैतिक सरकार बनाई थी । स्व.माधवराव सिंधिया स्व.राजीव गांधी की मित्रता के कारण उन्होंने कांग्रेस परिवार से अपने को जोड़ लिया, जिसमे आज खील ठुक गई । देखा जाए तो महाराज ने सही समय में सही निर्णय है । आज भी उनका इतना राजनीतिक वजूद है कि कमलनाथ सरकार ही बिदा हो रही है । एक बात तय है राजनीति मे कम उम्र होने के कारण उनके काम करने के लिए असीमित संभावना है । निश्चित ही आने वाले दिनो मे भाजपा को अच्छे परिणाम मिलेंगे । वहीं भाजपा भी न्याय करेगी, यह उम्मीद है । पर यह जरूर है छत्तीसगढ मे इससे कोई फर्क नही पड़ेगा, पर राजनीतिक झटका जरूर लगेगा । अभी इतना ही ।
लेखक:डा.चंद्रकांत वाघ(ये लेखक के अपने विचार हैं)

Horizontal Banner 3
Leave A Reply

Your email address will not be published.