लोग महंगे प्राइवेट अस्पतालों में जाने को क्यूँ मजबूर हैं?
एम्स, डीकेएस और अंबेडकर तीनों अस्पतालों में न्यूरोलॉजिस्ट, न्यूरो फिजिशियन नहीं हैं।
Positive India:Raipur:
एम्स, डीकेएस और अंबेडकर तीनों अस्पतालों में न्यूरोलॉजिस्ट, न्यूरो फिजिशियन नहीं हैं। एम्स में न्यूरो का डिपार्टमेंट ही नहीं है, वहीं डीकेएस और अंबेडकर में डिपार्टमेंट तो है, लेकिन डॉक्टर नहीं हैं। डॉक्टर क्यों नहीं हैं ? क्योंकि सरकार भर्ती नहीं कर रही है। सरकार भर्ती क्यों नहीं कर रही है ? क्योंकि डॉक्टरों को पैसा ज्यादा देना पड़ता है। कितना ज्यादा पैसा देना पड़ता है, क्या इतना ज्यादा पैसा देना पड़ता है जो किसी इंसान की जान की कीमत से ज्यादा है ? पता नहीं। पर सरकारों की नज़र में आम आदमी की जान की कीमत शायद कुछ भी नहीं। शायद इसीलिए सरकारी अस्पतालों की हालत ऐसी है कि कहीं डिपार्टमेंट नहीं तो कहीं डॉक्टर नहीं। प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पतालों में न्यूरोलॉजी जैसा महत्वपूर्ण डिपार्टमेंट न होना आश्चर्यचकित करता है। इसके कारण लोग महंगे प्राइवेट अस्पतालों में जाने को मजबूर हैं। जो सरकारें अपने नागरिकों को स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क, बिजली, पानी जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं करा पातीं, उन्हें शर्म से डूब मरना चाहिए। पर सरकार में बैठे लोग बेशर्म हैं। कुछ हिन्दू-मुस्लिम दंगे कराने में व्यस्त हैं तो कुछ अपनी ओएसडी की तिजोरी बचाने में। इंसान की जान बचाने की चिंता किसी को नहीं है।
Senior Reporter Shekhar Soni Poddar