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अम्बिकापुर में एक दिवसीय जैविक कृषि सम्मेलन सह- वार्ता कार्यक्रम संपन्न

जैविक कृषि वार्ता कार्यक्रम में अदाणी फाउंडेशन एवं अम्बिकापुर स्थित कृषि विकास केंद्र की हुई प्रशंसा।

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Positive India:Ambikapur:
अम्बिकापुर में सूरजपुर-सरगुजा केकृषि विकास केंद्र द्वारा एक दिवसीय जैविक कृषि सम्मेलन सह- वार्ता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन में उपस्थित सरकारी अधिकारियों एवं किसानों ने अदाणी फाउंडेशनत था कृषि विकास केंद्र के अथक प्रयासों को सराहा एवं जैविक खेती को बढ़ावा देने लिए आभार व्यक्त किया।
इस कार्यक्रम में अम्बिकापुर कृषि विभाग के जॉइंट डायरेक्टर सी.एनसिंह, राज मोहिनी कृषि कॉलेज के डीन डॉ. वी.के सिंह, इंदिरा गाँधी कृषिविश्विद्यालय, रायपुर के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. एम.एन नागोरिया, केवीके, अम्बिकापुर हेड एवं सीनियर वैज्ञानिक डॉ. रविन्द्र कुमार तिग्गा एवं अदाणी फाउंडेशन के यूनिट सी एस आर प्रमुख राजेश रंजन ने अपनी अहम उपस्थिति दर्ज कराई।

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कार्यक्रम के दौरान कृषि विभाग के जॉइंट डायरेक्टर सी.एनसिंह ने जनता को संबोधित किया तथा अदाणी फाउंडेशन के प्रयासों को सराहते हुए कहा कि अदाणी फाउंडेशन ने उदयपुर ब्लॉक के पीई के बी माइनिंग साइट के आसपास रहने वाले किसानों को सदैव ही जैविक खेती के लिए प्रोत्साहित किया है। उन्होंने अपने भाषण में यह भी कहा कि अदाणी फाउंडेशन द्वारा शुरू हुई अन्नपूर्णा परियोजना एवं जैविक कृषि कैम्पेन को भविष्य में गति एवं स्रोतप्रदान करने के लिए वे महत्त्वपूर्ण योगदान देंगे।

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डॉ वी.के सिंह ने कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए कहा कि अदाणी फाउंडेशनके इस कैम्पेन को सफ़ल बनाने के लिए सरकारी कृषि कॉलेज भी तत्काल प्रभाव से इस दिशा में कार्य करेगा एवं कृषि क्षेत्र के विकास में मदद करेगा।

अदाणी फाउंडेशन देश के मजबूत निर्माण के लिए विभिन्न क्षेत्रों में प्रतिबद्धता के साथ कार्य करता है जिसमें कृषिभी एक अहम क्षेत्र है। सरगुजा एवं सूरजपुर ज़िले के उदयपुर तथा प्रेमनगर ब्लॉक के आस पास रहने वाले किसानों को सतत एवं जैविक खेती से जोड़ने के लिए अदाणी फाउंडेशनने अन्नपूर्णा परियोजना की शुरुआत की थी।इस परियोजना के तहत, किसानों ने खाद बनाने के लिए वर्मी कम्पोस्टिंग जैसे जैविक तरीक़ों का इस्तेमाल करना शुरूकर दिया है तथा सब्ज़ियाँ, धान, गेहूँ एवं अन्य अनाजों के लिए भी इसी जैविक खाद का इस्तेमाल किया जाता है। वर्मी कम्पोस्ट जैसे जैविक खाद की मदद से ज़मीन को अधिक उपजाऊ बनाया जाता है तथा इसका कोई हानिकारक प्रभाव भी नहीं होता है। जैविक खेती को अपनाने के बाद किसानों की आमदनी भी बढ़ी है तथा ग्राहकों को सेहतमंद कृषि उत्पाद भी मिलते हैं।

कृषि विकास केंद्र के प्रमुख डॉ आर.के तिग्गा ने कहा कि सरगुजा ज़िले के उदयपुर ब्लॉक में जैविक खेती के प्रचारएवं प्रसार के लिए कृषि विकास केंद्र अदाणी फाउंडेशन के साथ प्रतिबद्धता से कार्य करेगा तथा भविष्य में भी अधिकतम ग्रामीण किसानों को जैविक खेती से जोड़ने का लक्ष्य है।

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