खूंखार आतंकवादी डॉ जलीस अंसारी को यूपी एसटीएफ ने किया गिरफ्तार
Dr.Bomb Jalis Ansari arrested by UP STF
Positive India:Mumbai: यूपी एसटीएफ ने खूंखार आतंकवादी डॉ जलीस अंसारी को कानपुर से गिरफ्तार कर लिया है। डॉ जलीस अंसारी को डॉ बम के नाम से भी जाना जाता है। जलीस अंसारी भारत में 50 बम धमाकों का दोषी है। 1993 में राजधानी एक्सप्रेस की पांच ट्रेनों में बम धमाकों का मास्टरमाइंड रहा है। एक बड़ी साजिश के तहत बाबरी मस्जिद ढाई जाने का बदला लेने के लिए इस दुर्दांत आतंकवादी ने राजस्थान, हैदराबाद, गुलबर्गा, महाराष्ट्र तथा देश के दूसरे बड़े शहरों में एक बड़े प्लान के अंतर्गत सीरियल ब्लास्ट किए।
भारत में हुए 50 सीरियल बम ब्लास्ट का दोषी, डॉक्टर जलीस अंसारी को सीबीआई ने 1994 में गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी के समय जलीस अंसारी के घर से सात रिवाल्वर, हैंड ग्रेनेड तथा बहुत से विस्फोटक सामान बरामद किए गए थे। दोष सिद्ध होने पर उसे उम्र कैद की सजा हुई और वह अजमेर में अपनी उम्र कैद की सजा काट रहा था। अभी हाल ही में वह पैरोल पर रिहा हुआ और पैरोल से 1 दिन पहले फरार हो गया।
मुंबई में हुए टिफिन बम धमाकों की इजाद जलीस अंसारी ने ही की थी। 90 के दशक में ट्रांजिस्टर बम की शुरुआत भी उसी ने हीं की थी। 68 वर्षीय जलीस दाऊद इब्राहिम का खास आदमी माना जाता था। कहते हैं कि जलीस ने बम बनाने की ट्रेनिंग पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से ली थी।
26 जनवरी से पहले जलीस अंसारी का फरार होना किसी गहरी साजिश की ओर इशारा कर रहा है। इसीलिए मुंबई पुलिस ने तुरंत पूरे भारत में रेड अलर्ट जारी कर दिया तथा यूपी एसटीएफ से मदद मांगी। क जलीस कानपुर के रेल बाजार के निकट फेदफुलगंज में एक मस्जिद में नमाज अदा करने के बाद वहां से फरार होने की फिराक में था। पुलिस तथा लोगों को चकमा देने के लिए उसने छोटे बच्चे का सहारा लिया तथा उसकी उंगली पकड़ कर भागने लगा। यूपी एसटीएफ के एक जवान ने ताड़ लिया तथा उसने प्रश्न पूछ रही है कि अरे आप तो जलीस अंसारी हो, आप अजमेर जेल में बंद थे। एसटीएफ जवान बनते हुए बोला कि वह भी अजमेर जेल में बंद था और जेल में ही उसकी मुलाकात जलीस से हुई थी। इसी दौरान उसकी फोटो खींचकर एसटीएफ के अधिकारियों के पास भेजी गई; जिन्होंने मुंबई एटीएस से संपर्क कर इस बात की पुख्ता तस्दीक कर ली कि यह जलीस अंसारी ही है। सूचना पुख्ता होते ही यूपी एसटीएफ ने जलीस अंसारी को दबोच लिया। इस तरह 26 जनवरी के दौरान होने वाली किसी बड़ी वारदात पर एक तरह से विराम लग गया।
यह सोचनीय विषय है कि 50 सीरियल ब्लास्ट का दोषी, जो उम्र कैद की सजा भुगत रहा है, ऐसा खूंखार आतंकवादी पैरोल पर बाहर आया कैसे? वह कौन सी परिस्थितियां थी जिन्होंने उसे पैरोल दिलाई। इसके पीछे बहुत बड़ी साजिश नजर आ रही है। जलीस अंसारी के फरार होने की कहानी के पीछे एक बड़े राज का पर्दाफाश हो सकता है।