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अमानतुल्लाह ने भड़काई जामिया मिलिया इस्लामिया में हिंसा

AAP MLA Amantullah Instigated Students To Burn Jamia Millia Islamia University Against CAA

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Positive India:New Delhi: नागरिकता संशोधन बिल जो कि अब नागरिकता संशोधन एक्ट बन चुका है, के विरोध में आप एमएलए अमानतुल्लाह खान ने जामिया मिलिया इस्लामिया के स्टूडेंट्स को भड़का कर दिल्ली की जहरीली हवा को हवा को और जहरीला कर दिया है।

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जामिया मिलिया इस्लामिया(Jamia Millia Islamia) के विद्यार्थी उस #CAA का विरोध कर रहे हैं जिसमें भारत में रह रहे मुसलमानों का कुछ लेना देना नहीं है। वैसे भी नागरिकता संशोधन एक्ट नागरिकता देने के लिए है ना की नागरिकता छीनने के लिए और यह बात भारत में रह रहे मुसलमानों को शायद समझ नहीं आ रही है या विपक्षी पार्टियां उन्हें बरगला रही है कि यह बिल उनके विरुद्ध है। बीजेपी का साफ-साफ आरोप है कि आप पार्टी के एमएलए अमानतुल्लाह खान ने स्टूडेंट्स को भड़काया है।

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इस CAA को लेकर और रविवार शाम 4:00 बजे स्थिति आउट ऑफ कंट्रोल हो गई जब जामिया, न्यू फ्रेंड कॉलोनी तथा ओखला इलाके में स्टूडेंट्स ने 4 बसों को आग के हवाले कर दिया। इतना ही नहीं पुलिस पर जबरदस्त पत्थरबाजी की। भीड़ को कंट्रोल करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज के साथ आँसूगैस के गोले छोड़ने पड़े। जामिया मिलिया के स्टूडेंट्स स्टूडेंट्स जो पथराव के बाद यूनिवर्सिटी के अंदर घुस गए, उन्हें निकालने के लिए पुलिस को यूनिवर्सिटी में प्रवेश करना पड़ा तथा यूनिवर्सिटी को खाली करवा लिया गया। सीपीआई नेता डी. राजा तथा वृंदा करात को यह नागवार गुजरा और वे इन उत्पाती स्टूडेंट्स के पक्ष में घटनास्थल पर पहुंच गए।

इतना ही नहीं जामिया मिलिया इस्लामिया के स्टूडेंट्स के पक्ष में जेएनयू के स्टूडेंट्स खड़े हो गए। यह वही जेएनयू है जहां पर भारत तेरे टुकड़े होंगे और भारत से आजादी के नारे हमेशा लगते रहे हैं। यह वही जेएनयू स्टूडेंट्स हैं जो अफजल गुरु को श्रद्धांजलि देते हैं। #सीएबी मैं यह बिल्कुल साफ है कि भारत में रह रहे मुसलमानों के लिए किसी भी किस्म का कोई भी खतरा नहीं है। वैसे भी इसमें नागरिकता दी जाएगी ना कि वापस ली जाएगी, पर विपक्ष है कि वह इस पर हवा देने से बाज नहीं आ रहा है और इस बात पर अड़ा हुआ है कि यह धारा 14 का उल्लंघन कर रहा है।

जेएनयू, जामिया मिलिया इस्लामिया के साथ ही एएमयू यानी अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्र भी उग्रता के साथ प्रदर्शन करने लगे। पुलिस ने सख्ती से इस प्रदर्शन को दबा दिया तथा एएमयू को 5 जनवरी तक बंद कर दिया गया है। जामिया मिलिया इस्लामिया को भी आगामी 6 जनवरी तक बंद कर दिया गया है
पब्लिक प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाना, बसों को आग लगाना, पुलिस पर पत्थरबाजी करना तथा आम आदमियों को परेशान करना यह किस तरह का प्रोटेस्ट है। प्रोटेस्ट में तो कहीं कोई हिंसा नहीं होती फिर वह कौन लोग हैं जो विद्यार्थियों को को भड़का रहे हैं? यह लोग ना सिर्फ भड़का रहे हैं बल्कि भारत की शांति को आग में झोंकने का काम कर रहे हैं।
अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया है बीजेपी पर ।वहीं बीजेपी ने पलटवार करते हुए आप पर इस आग को भड़काने का आरोप लगाया है। यह सही है कि दिल्ली पुलिस को यूनिवर्सिटी कैंपस में नहीं घुसना चाहिए पर उन उत्पाती तथा उपद्रवी छात्रों को निकालने के लिए दिल्ली पुलिस क्या करती? क्या उन्हें एलाऊ कर दिया जाता है कि आप पत्थरबाजी करो, बसों को आग लगाओ और उसके बाद यूनिवर्सिटी कैंपस में जाकर शांति से रहो? एडमिनिस्ट्रेशन को चलाने के लिए, छात्रों की रिस्पांसिबिलिटी लेने के लिए कौन सामने आएगा? पब्लिक प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाने की जिम्मेदारी कौन लेगा? विद्यार्थी यूनिवर्सिटी में विद्या लेने के लिए जाते हैं, उग्र प्रदर्शन के लिए नही। शांति के साथ प्रदर्शन प्रदर्शन करना उनका हक है पर अशांति फैलाना, उग्रवाद फैलाना, उग्र प्रदर्शन करना, बसों में आग लगाना, पुलिस पर पत्थरबाजी करना, दिल्ली की सड़कों को हाईजैक करने कर लेना, यह उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता। कोई भी सरकार इसको अलाउ नहीं कर सकती। जिन नेताओं ने इसे भड़काने का काम किया है उन पर रिस्पांसिबिलिटी फिक्स होनी चाहिए। उन पर मुकदमा चलना चाहिए, उन्हें जेल में डालना चाहिए ताकि इस तरह की पुनरावृति बिल्कुल ना हो सके।

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