पॉजिटिव इंडिया:इस्लामाबाद/नयी दिल्ली, दो सितम्बर
(भाषा) पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव से सोमवार को इस्लामाबाद में भारत के उप उच्चायुक्त गौरव अहलूवालिया ने मुलाकात की और खबर दी कि जाधव पाकिस्तान के अपुष्ट दावों को बनाए रखने के लिए गलत बयानी करने के भीषण दबाव में दिखते हैं। वर्ष 2016 में हिरासत में लिए जाने के बाद जाधव तक भारत की यह पहली राजनयिक पहुंच है।
अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत (आईसीजे) के जुलाई में आए निर्देश के बाद पाकिस्तान द्वारा अनुमति दिए जाने के उपरांत अहलूवालिया ने आज जाधव से दो घंटे तक मुलाकात की।
गौरतलब है कि 49 वर्षीय जाधव को जासूसी और आतंकवाद के आरोप में पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने अप्रैल, 2017 में मौत की सजा सुनाई थी। उसके बाद भारत ने आईसीजे पहुंचकर उनकी मौत की सजा पर रोक लगाने की मांग की थी। भारत पिछले तीन साल से जाधव तक राजनयिक पहुंच उपलब्ध कराने की मांग कर रहा था।
भारत को जाधव तक राजनयिक पहुंच ऐसे समय मिली है जब अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को हटाने और जम्मू कश्मीर को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने के उसके फैसले के चलते दोनों देशों के बीच तनाव है।
कश्मीर मुद्दे पर तनाव के बीच पाकिस्तान ने भारत के साथ राजनयिक संबंधों को कमतर करते हुए सात अगस्त को भारतीय उच्चायुक्त अजय बिसारिया को निष्कासित कर दिया था।
वहीं, नयी दिल्ली में भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस मुलाकात के बाद कहा कि कुलभूषण जाधव पाकिस्तान के अपुष्ट दावों को बनाए रखने के लिए गलत बयानी करने के भीषण दबाव में दिखते हैं।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, ‘‘एक तरफ हम समग्र रिपोर्ट की प्रतीक्षा कर रहे हैं, वहीं यह स्पष्ट था कि कुलभूषण जाधव पाकिस्तान के गलत दावों को बनाए रखने के लिए गलत बयानी करने के भीषण दबाव में दिख रहे हैं । उन्होंने कहा,हम अपने उच्चायोग प्रभारी से विस्तृत रिपोर्ट प्राप्त करने के बाद आगे के कदम पर फैसला करेंगे।कुमार ने कहा कि जाधव को राजनयिक पहुंच मुहैया कराना अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत के आदेश के प्रति पाकिस्तान की बाध्यता है।
उन्होंने यह भी कहा कि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जाधव की मां से बात कर उन्हें आज हुए घटनाक्रमों से अवगत कराया ।
कुमार ने कहा कि सरकार जाधव को जल्द से जल्द न्याय दिलाने और उनकी सुरक्षित भारत वापसी को लेकर प्रतिबद्ध है।वहीं, पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने एक बयान में कहा कि राजनयिक पहुंच दोपहर 12 बजे (भारतीय समयानुसार दोपहर साढ़े बारह बजे) उपलब्ध कराई गई और यह दो घंटे तक चली।
इसने कहा कि राजनयिक पहुंच पाकिस्तान सरकार के अधिकारियों की मौजूदगी में उपलब्ध कराई गई।
विदेश कार्यालय ने कहा कि भारत के आग्रह पर बातचीत की भाषा को लेकर कोई रोक नहीं थी। इसने कहा कि पहुंच से संबंधित चीजें रिकॉर्ड की गईं।
इसने कहा, अंतरराष्ट्रीय समुदाय का जिम्मेदार सदस्य होने के नाते और हमारी अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं के अनुरूप पाकिस्तान ने कमांडर जाधव तक भारत को बिना बाधा के, निर्बाध राजनयिक पहुंच उपलब्ध कराई है।
बयान में यह खुलासा नहीं किया गया कि मुलाकात कहां हुई। हालांकि पाकिस्तानी मीडिया ने खबर दी कि यह इस्लामाबाद स्थित एक उप-जेल में हुई।
जाधव से मुलाकात करने से पहले, अहलूवालिया ने पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल से पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय में मुलाकात की।
पाकिस्तानी विदेश कार्यालय ने एक अगस्त को भी कहा था कि भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी को अगले दिन राजनयिक पहुंच दी जाएगी। यह मुलाकात दो अगस्त को अपराह्न तीन बजे होने वाली थी, लेकिन राजनयिक पहुंच की शर्तों को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच मतभेदों के चलते यह बैठक नहीं हो सकी थी।
भारत ने पाकिस्तान से जाधव तक तत्काल, प्रभावी और निर्बाध राजनयिक पहुंच उपलब्ध कराने की मांग की थी और वह कूटनीतिक माध्यमों से इस्लामाबाद के संपर्क में था।
रविवार को फैसल ने ट्वीट किया था कि जाधव को राजनयिक संबंधों पर वियना संधि, आईसीजे के फैसले और पाकिस्तान के कानूनों के अनुरूप दो सितंबर को राजनयिक पहुंच उपलब्ध कराई जाएगी।
आईसीजे ने 17 जुलाई को पाकिस्तान को जाधव को सुनाई गयी फांसी की सजा पर प्रभावी तरीके से पुनर्विचार करने और राजनयिक पहुंच प्रदान करने का आदेश दिया था।
पाकिस्तान का दावा है कि उसके सुरक्षाबलों ने जाधव को तीन मार्च, 2016 को अशांत बलूचिस्तान प्रांत से गिरफ्तार किया था जहां वह कथित तौर पर ईरान से पहुंचे थे।
वहीं, भारत का कहना है कि जाधव को ईरान से अगवा किया गया था जहां वह नौसेना से सेवानिवृत्त होने के बाद कारोबार के सिलसिले में गए थे।
दिसंबर 2017 में पाकिस्तान ने जाधव की पत्नी और मां को उनसे मुलाकात की अनुमति दी थी, लेकिन यह मुलाकात शीशे के स्क्रीन के पीछे से कराई गई थी।
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