मूर्ति विसर्जन से जल स्त्रोतों एवं तालाब की गुणवत्ता प्रभावित न हो: कलेक्टर डॉ. एस. भारतीदासन
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल और केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का दिशा निर्देशों का पालन करने की अपील
Positive India:रायपुर, 28 अगस्त 2019,
कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी डॉ. एस. भारतीदासन ने नागरिकों से अपील की है कि मूर्ति विर्सजन के संबंध में माननीय मूर्ति निर्माण में केवल संस्कृति अनुसार प्राकृतिक मिट्टी और प्राकृतिक रंगों का उपयोग किया जाए। मूर्ति निर्माण में सिंथेटिक केमिकल, पेंट्स तथा डाई, प्लास्टर ऑफ पेरिस एवं बेक्ड क्ले का उपयोग मूर्ति निर्माण में नहीं किया जाए तथा इस प्रकार निर्मित मूर्तियां ही स्थापित की जाए।
गणेशोत्सव एवं दुर्गोत्सव पूर्व पर मूर्ति विसर्जन से जल स्त्रोतों की गुणवत्ता प्रभावित न हो, जिसके फलस्वरूप जलीय जीव-जन्तुओं को खतरा उत्पन्न नहीं होने के साथ जल प्रदूषण की स्थिति निर्मित न हो। इस संबंध में केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी गाईड लाईन के अनुसार मूर्तियों के विसर्जन के लिए निर्मित विसर्जन तालाब, बन्ड और अस्थायी कुण्ड में ही मूर्ति विसर्जन किया जाए।
मूर्ति एवं पूजा सामग्री जैसे फूल, वस्त्र, कागज एवं प्लास्टिक से बनी सजावट की वस्तुएं इत्यादि मूर्ति विसर्जन के पूर्व अलग कर ली जाए, जिससे नदी या तालाब में पदूषण की स्थिति निर्मित न हो तथा स्थिति नियंत्रित रहे। वेस्ट मटेरियल विसर्जन स्थल पर जलाना प्रतिबंधित है। रायपुर में विसर्जन स्थल हेतु महादेव घाट के समीप विसर्जन कुण्ड का निर्माण किया गया है।