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नए विश्व विजेता का स्वागत वंदन अभिनंदन:

गजेंद्र साहू

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Positive India: Raipur :18 July,Gajendra sahu.
विश्व विजेता बनने के लिए ज़रूरी नहीं कि आप विश्व की नम्बर १ टीम हो या नम्बर २ ।
ज़रूरी ये है कि आप पूरे विश्वकप के दौरान किस तरह का खेलते है और प्रदर्शन करते है । आपके अच्छे प्रदर्शन और अच्छे खेल से आप विश्व विजेता का ख़िताब जीत सकते है फिर यह फ़र्क़ नहीं पड़ता कि आप नम्बर 7, 8, 9 , 10 की टीम हो ।
इंगलैंड को क्रिकेट के जन्मदाता का श्रेय दिया जाता है पर कटु सत्य ये है कि अब तक इसके श्रेस्ठ प्रारूप विश्वकप में कभी इंगलैंड नहीं जीत पाया । पर इस विश्वकप में ये मिथक भी टूटा पर शायद इंग्लैंड को अकेले विजेता मानने कुछ लोग तैयार नहीं। इस विश्वकप में विजेता के चार प्रबल दावेदार थे , और अपने अपने दाँवों के साथ सभी सेफा तक पहुँचे । सेफ़ा के विजेता दोनो ही मैचो में अचम्भित करने वाले रहे । भारत बनाम न्यूजीलैंड में भारत की जीत का और औस्ट्रलिया बनाम इंगलैंड में औस्ट्रलिया की जीत का अनुमान बिलकुल फ़ेल रहा । और फ़ाइनल मुक़ाबला न्यूजींलैंड बनाम इंगलैंड हुआ । दोनो ही सेफा तक पहुँचने में संघर्षत रहे ।
इंगलैंड के पूर्व दिग्गज खिलाड़ी माइकल वाँन ने काहा था कि “जो भी देश भारत को हराएगा , वही विश्वकप जीतेगा” ।
और ये बात बिलकुल सच साबित हुई उनके कहे अनुसार इंगलैंड और न्यूजींलैंड फ़ाइनल तक पहुँचा । आपकी जानकारी के लिए बता दूँ पूरे विश्वकप में भारत २ मैच हारा १. इंगलैंड से और २. न्यूजींलैंड से सेफ़ा में ।
आख़िर 46 दिन के संघर्ष के बाद वो समय आ गया जब विश्व को लगभग २३ सालों बाद नया विश्वविजेता मिलने वाला था । पर एक बात ज़रूर थी पूरा विश्व न्यूजींलैंड के साथ खड़ा था और इसमें भी कोई दो राय नहीं की डेढ़ अरब की आबादी वाला भारत देश भी न्यूजींलैंड के लिए जीत की दुआ कर रहा था , भले ही उसी न्यूजींलैंड द्वारा वह सेफा के बाद विश्वकप की दौड़ से बाहर हो गया था ।
अब भारत की बारी थी इंगलैंड से ३ गुना लगान लेने की वो भी न्यूजींलैंड के द्वारा ।
आपको जानकर हैरानी होगी कि अब तक विश्वकप में ऐसा फ़ाइनल नहीं हुआ और नाहि मेरी जानकारी में ऐसा साँसे रोक देने वाला एकदिवसीय मैच ।
न्यूजींलैंड ने पहले बैटिंग करते हुए 241 रन बनाएँ जवाब में इंगलैंड ने भी लड़खड़ाते सम्भालते हुए 241 रन बनाए । मैच टाई हुआ पर विजेता की परख करने के लिए सूपर ओवर का सहारा लिया गया । इसे महज़ इत्तेफ़क ही कहिए दोनो ही टीमों ने १-१ ओवर में १५-१५ रन बनाएँ और सूपर ओवर मैच भी टाई हुआ । यक़ीनन दोनो ही विश्वकप में विश्व विजेता बने । फिर आते है आइसीसी के खड़ूस , नामाकुल , निहायती बदतमीज़ रूल और इस रूल ने न सिर्फ़ न्यूजींलैंड के विश्वकप के सपने को तोड़ा बल्कि करोड़ों फ़ैन्स के विश्वास और खेल के प्रति भावनाओं का क़त्ल भी कर दिया पर आइसीसी को तो विजेता ही चाहिए खेल भावना जाए तेल लेने । इनके रूल के अनुसार जिस टीम ने ज़्यादा चौके मारे वो विजेता होगा । ज़रा ये बताओ क्या विकेट की गिनती नहीं की जा सकती थी । यदि विकेटों की गिनती की जाती तो शायद इंगलैंड का इंतज़ार और लम्बा हो सकता था ।
पर ऐसा रूल ही क्यूँ?? आप 20-20 विश्वकप नहीं करा रहे है । आप ५०-५० ओवर का विश्वकप करा रहे है जहाँ बैट्समैन रन मारने से ज़्यादा टिक कर मैच खेलना पसंद करते है । और उन्हें जल्द ही आउट करना बॉलर का टारगेट होता है जिसे न्यूजींलैंड ने पूरे विश्वकप में बख़ूबी किया ।
ख़ैर जो भी हो रूल के आगे खेल भावना नतमस्तक है । अगर देखा जाए तो उस दिन खेल की जीत हुई और खेल भावना की हार। इंगलैंड ने मैच जीता और न्यूजींलैंड ने सभी का दिल । हमें अपना नया विश्वविजेता इंगलैंड के रूप में मिल चुका है और नए विश्व विजेता का विश्वकप विजेताओं की सुँची में स्वागत वंदन अभिनंदन है।
चाहे जो भी हुआ इंगलैंड मैच ज़रूर जीता पर ये भी सत्य है न्यूजींलैंड भी हारा नहीं। और मेरी नज़र में दोनो ही इस बार विश्व विजेता है ।
यह लेखक के अपने विचार हैं।

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