केरल में सेलरी कटौती के कारण 900 डॉक्टरों ने दिया इस्तीफा
केरल की वामपंथी सरकार ने डाक्टरों का वेतन ₹42000 से काटकर ₹27000 प्रति माह कर दिया
Positive India:Raipur:
केरल में 900 डॉक्टरों ने इस्तीफा दे दिया, क्योंकि केरल की वामपंथी सरकार ने उनका वेतन ₹42000 से काटकर ₹27000 प्रति माह कर दिया।
अच्छा होता, यदि केरल की वामपंथी सरकार सर्वप्रथम अपने मंत्रियों की सैलरी और भत्तों में कटौती करती, किन्तु क्योंकि वामपंथी अपने पाखंड और छोटी समस्या को भी बड़ा बनाकर उसपर अपने स्वार्थ की रोटियां सेंकने की प्रवित्ती वाली कुत्सित मानसिकता के लिए जाने जाते है इसीलिए यहां भी वे अपनी प्रवित्ति के अनुरूप ही आचरण कर रहे हैं।
ध्यान देने योग्य बात यह है कि इस वैश्विक महामारी के काल में वह डॉक्टर ही हैं जो लोगों का उपचार कर रहे हैं और खुद भी संक्रमित होने के सर्वाधिक रिस्क पर हैं, ऐसे समय में वामपंथी सरकार द्वारा डॉक्टरों की सैलरी से छेड़छाड़ पूर्णतः अनुचित है,
वैसे अब कल्पना कीजिए कि यही कृत्य यदि यूपी, मधयप्रदेश, कर्नाटक, हिमाचल अथवा उत्तराखंड जैसी किसी भाजपा कि राज्य सरकार ने किया होता तो अब तक पूरे लेफ्ट लिब्रल बुद्धिजीवी कबाल व् क्रिस्लामोकॉमियों ने मेनस्ट्रीम और सोशल मीडिया में भाजपा के विरुद्ध बवाल काट दिया होता दिन रात भाजपा व मोदी को कोसा जा रहा होता लेख लिखे जा रहे होते गालियां दी जा रही होतीं बड़े बड़े न्यूज़ एंकर प्राइम टाइम पर घड़ियाली आंसुओं द्वारा विलाप करते दिखते,
परन्तु क्योंकि यह कृत्य उनकी ही मानसिकता वाली वामपंथी सरकार द्वारा किया गया है इसीलिए ये सभी धूर्तता से अपना मुंह सिलकर बैठे हुए हैं और इस पूरे डेवलपमेंट को न केवल इग्नोर किये बैठे हैं बल्कि वामपंथी केरल सरकार के इस कृत्य को अपना मूक समर्थन भी देकर बैठे हैं,
अब सोचिये कि मात्र 2 लोकसभा सीटें हैं CPM के पास फिर भी देश के मीडिया पर उसकी कितनी तगड़ी पकड़ व् नियंत्रण है कि उसके पाप तक उजागर नहीं किये जाते, वहीं जब बात भाजपा की आये तब तो यही मीडिया भाजपा, मोदी, अमित शाह और योगी के विरुद्ध फर्जी अफवाह तक फैलाकर उनकी छवि बिगाड़ने में कोई कसर बाकि नहीं रखता,
इस एक घटना ही से आपको देश मे लेफ्ट ईकोसिस्टम की शक्ति व् दबदबे का अनुमान हो जाएगा और साथ ही यह भी आपको समझ आएगा कि फ्री स्पीच ,डेमोक्रेटिक लिब्रल वैल्यूज़, समानता व् न्याय का नाम लेकर अपनी राजनीतिक रोटी सेंकने वाले वामपंथी वास्तव में कितने बड़े धूर्त, पाखंडी और दोहरे आचरण की प्रतिमूर्ति है।
साभार:सुजीत तिवारी-एफबी(ये लेखक के अपने विचार हैं)