7th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों की मौज
मोदी सरकार ने सैलरी से जुड़े नियमों में की फेरबदल
Positive India: Delhi;14 August 2020.
नई दिल्ली। 7th Pay Commission के तहत मोदी सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों को शानदार तोहफा दिया है। सैलरी बढने के इंतजार मे देश के केंद्रीय कर्मचारियों के लिए मोदी सरकार की बड़ी सौगात हैं, सरकार ने सैलरी से संबंधित अहम बदलाव किए गए हैं। कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग ने कर्मचारियों की सैलरी सुरक्षा को लेकर बहुत ही बढ़िया कदम उठाया है।
वेतन सुरक्षा का तोहफा सरकार ने कर्मचारियों को दिया है। सरकार ने सातवें वेतन आयोग( 7th Pay Commission) के FR 22-B(1) के तहत उन कर्मचारियों को प्रोटेक्शन ऑफ पे की अनुमति दी जाती है, जो प्रोबेशनर के तहत दूसरी सेवा या कैडर में नियुक्ति किए जाते हैं। इसके लावा इन कर्मचारियों को हर हाल में वेतन को लेकर सुरक्षा दी जाती है। इस नियम को जनवरी 2016 से लागू माना जाएगा। दरअसल सरकार को लंबे समय से प्रोटेक्शन ऑफ पे को लेकर मंत्रालयों और विभागों के इसकी जरूरत को लेकर रेफरेंस मिल रही थी। विभागों द्वारा इस बात पर जोर दिया जा रहा था कि केंद्र सरकार के उन कर्मचारियों को जो तकनीकी तौर पर इस्तीफा देने के बाद केंद्र सरकार की दूसरी सेवा या कैडर में नए पद पर डायरेक्ट नियुक्ति से अप्वाइंट होते हैं उन्हें वेतन की सुरक्षा दी जाए, उन्हें सातवें वेतन आयोग के तहत वेतन निर्धारित करने के लिए सरकार की ओर से नियम तय किए जाए।
केंद्र सरकार के इस फैसले को उन कर्मचारियों पर लागू किया जाएगा, जो दूसरी सेवा या कैडर में प्रोबेशनर नियुक्त हुए हैं और फिर बाद में उस सेवा में कन्फर्म किए गए। प्रोबेशन की अवधि के दौरान इन्हें न्यूनतम टाइम स्केल पर वेतन पाएंगे, वहीं प्रोबेशन की अवधि के खत्म होने के बाद उन्हें वेतन सेवा के समय उस पद के लिए निर्धारित वेतन के मुताबिक ही सैलरी मिलेगी।
केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के लिए वेतन की सुरक्षा को लेकर कदम उठाया है। सरकार ने कर्मचारियों के वेतन को लेकर आदेश के मुताबिक सरकार ने सातवें वेतन आयोग के अंतर्गत की गई भर्ती के बाद कर्मचारी के वेतन को वेतन सुरक्षा दी जाएगी। सरकार ने सातवें वेतन आयोग के FR 22-B(1) के तहत ये सुरक्षा कर्मचारियों को दी है।