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बिहार में चमकी बुखार से 111 बच्चों की मौत

क्या है चमकी बुखार?

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Image credit:PTI
Positive India:Bihar:
बिहार के मुजफ्फरपुर डिस्ट्रिक्ट में चमकी बुखार से अब तक 111 बच्चों की मौत हो चुकी है। पिछले 24 घंटे में ही 40 बच्चे चमकी बुखार अथवा एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम से मौत के मुंह में जा चुके हैं। मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच तथा केजरीवाल हॉस्पिटल की सभी बेड फुल हैं। हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं,
Health Minister Dr.Harsh Vardhan visiting patients of Chamki in Muzaffarpur Credit:Twitter
इसी दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने मुजफ्फरपुर का दौरा किया; उनके दौरे के दौरान ही जब वे हॉस्पिटल विजिट कर रहे थे, तीन बच्चों की मौत हो गई।
जितने भी बच्चे चमकी बुखार से ग्रसित हैं उनकी अधिकतर संख्या सीतामढ़ी, शिवहर, बेतिया, वैशाली तथा मोतिहारी से हैं क्योंकि वहां पर स्वास्थ्य सुविधाएं तथा अस्पतालों अभाव है। सभी अपने बच्चों को लेकर मुजफ्फरपुर की तरफ भाग रहे हैं। यह सर्वविदित है कि बिहार में डॉक्टरों की तथा स्वास्थ्य कर्मियों की भारी कमी है, इसी कमी के चलते बिहार सरकार चमकी बुखार से निपटने में अक्षम प्रतीत हो रही है।

क्या है चमकी बुखार?

एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम को ही लोकल भाषा में चमकी बुखार कहा जाता है।

चमकी बुखार के लक्षण

1) तेज बुखार चढ़ा रहता है
2) बदन में ऐठन होती है
3) तेज बुखार तथा ऐठंन की वजह से बच्चा बार बार बेहोश होता है
4) शरीर में सुन्नपन होता है
5) कई बार तो ऐसा होता है कि चिकोटी काटने पर भी बच्चे को महसूस नहीं होता
चमकी अथवा एआईएस से इंसान के शरीर में पानी की कमी हो जाती है और गुलकोज का स्तर गिर जाता है । तापमान बढ़ने से यह बीमारी बढ़ जाती है

चमकी अथवा एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम से बचाव के तरीके

1)झूठे तथा सड़े हुए फल कभी ना खाएं
2)बच्चों को गंदगी से दूर रखें
3)गर्मी में बच्चों को ना बाहर निकलने देना उन्हें खेलने दे
4)खाने के पहले और खाने के बाद बच्चों का हाथ अच्छे से अवश्य धुलवाए।
5)बच्चों को धूप में खेलने से सर्वथा मना करें
6)बच्चों को खाली पेट लीची खाने से मना करें

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