Positive india:New Delhi:
मेरे प्यारे सैनिकों,
आज मध्यरात्रि को, हमारे देश को विदेशी दासता से मुक्त हुए 75 वर्ष पूरे हो रहे हैं। इस पावन अवसर पर सम्पूर्ण राष्ट्र हर्षोल्लास से ओत-प्रोत है। उत्तर में हिमालय की चोटियों से लेकर दक्षिण के महासागर एवं थार के मरुस्थल से लेकर पूर्वोत्तर के जंगलों तक, राष्ट्ररक्षा की प्रथम पंक्ति में डटे थलसेना, नौसेना, वायुसेना एवं तटरक्षक बल के वीर सैनिकों, एवं सैन्य अधिकारियों को इस अमृत महोत्सव पर मैं कृतज्ञ राष्ट्र की ओर से हार्दिक शुभकामनायें देता हूँ। मैं उन वीर पूर्व-सैनिकों को भी बधाई देता हूँ, जिन्होंने राष्ट्र पर अपना पूरा जीवन न्योछावर कर दिया।
स्वतंत्रता के इस महान पर्व पर उन्हें कौन भूल सकता है, जो लौट के घर न आए..! सम्पूर्ण सम्मान के साथ उनके नाम राष्ट्रीय समर स्मारक पर स्वर्णाक्षरों में अंकित किये गए हैं। वर्तमान में सेवारत वीर सैनिकों के परिजनों को भी आभार, जिन्होंने अपने कलेजे के टुकड़ों को राष्ट्र की सेवा में समर्पित किया है।
मेरे प्यारे सैनिकों,
हमारे यहाँ वीरों के समानान्तर वीरांगनाओं की भी बड़ी पुरानी परंपरा मिलती है। विभिन्न कालखंडों में आप देखेंगे, तो पाएँगे कि रानी प्रभावती, रानी नागनिका, रानी रुद्राम्मा, रानी दिद्दा, रानी वेलुनचियार, रानी गाइदिन्ल्यू और रानी चेन्नम्मा जैसी अनेक वीरांगनाओं ने राष्ट्ररक्षा और राष्ट्रनिर्माण में नारी शक्ति को नई ऊँचाइयाँ दी है। रानी लक्ष्मीबाई की वीरता को कौन भूल सकता है! सन् 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में वो क्या खूब लड़ीं! आज मुझे पूर्ण विश्वास है, कि Armed forces की supreme commander एवं भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मू के नेतृत्व में हम राष्ट्र की रक्षा के नए आयाम स्थापित करेंगे।
मेरे प्यारे सैनिकों, शौर्य और पराक्रम की इस अविरल परम्परा को भारत की बेटियों ने आज भी अक्षुण्ण रखा है। इसी निरंतरता को बनाये रखने के लिए तथा वीरांगनाओं की परम्परा को नए आयाम देने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ने सेना के सभी अंगों में नारी-शक्ति के प्रतिनिधित्व को अधिकाधिक सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाये हैं। आज सशस्त्र सेनाओं की अनेक विधाओं में युवतियों का प्रवेश सुनिश्चित किया जा रहा है। एक ऐतिहासिक निर्णय के तहत महिलाओं को नेशनल डिफेन्स अकेडमी, खड़गवासला में पहली बार प्रवेश की अनुमति दी गई। इसके लिए आवश्यक infrastructure एवं facilities विकसित की गई हैं।
मेरे प्यारे सैनिकों,
हमारी सेनाओं ने अब तक हुए युद्धों में शानदार प्रदर्शन किया है। भविष्य में होने वाले युद्धों की necessities एवं complexities को ध्यान में रखते हुए हम तीनों Services के बीच jointness की दिशा में बहुत तेजी से काम कर रहे हैं। इसे ध्यान में रखते हुए मुंबई, गुवाहाटी और पोर्ट ब्लेयर में joint logistics nodes स्थापित किये गए हैं। ये नोड्स armed forces को उनके छोटे हथियारों, गोला बारूद, राशन, ईंधन, जनरल स्टोर के सामान, असैन्य लोगों के परिवहन, aviation clothing और अन्य सामानों के लिए integrated logistics cover प्रदान करेंगे और उनके अभियानों के प्रयासों के बीच तालमेल के लिए इंजीनियरिंग सहयोग भी प्रदान करेंगे।
हमारी armed forces ने LAC, LoC, International Borders, territorial waters पर उच्च स्तर की सतर्कता और सुरक्षा बनाए रखी है। हमारी सेनाएँ किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूर्णतः सक्षम हैं। उनकी आवश्यकताओं की हरसंभव पूर्ति की जा रही है। माननीय प्रधानमंत्री के निर्देशानुसार ‘अग्निवीर योजना’ का क्रियान्वयन भी सैन्य सुधारों की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है। इस योजना के अंतर्गत चुने गए युवा ‘अग्निवीर’ होंगे। ‘अग्निपथ’ देशभक्ति से ओत-प्रोत युवाओं को चार वर्ष की अवधि के लिए armed forces में सेवा करने का अवसर प्रदान करता है।
जो ‘अग्निवीर’ चार वर्ष बाद सेना से बाहर निकलेंगे उनके हितों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने कई प्रभावी कदम उठाये हैं। हमने आवश्यक पात्रता मानदंडों को पूरा करने वाले अग्निवीरों के लिए रक्षा मंत्रालय में नौकरियों की 10 प्रतिशत vacancies को reserve करने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है। यह आरक्षण Indian coast Guard, रक्षा असैन्य पदों एवं public sector के सभी 16 रक्षा उपक्रमों में लागू किया जाएगा। गृह मंत्रालय ने भी central Armed Police Forces एवं असम राइफल्स की vacancies में 10 प्रतिशत reservation को हरी झंडी दे दी है। शिपिंग मंत्रालय ने भी मर्चेंट नेवी के अंदर अग्निवीरों की भर्ती के लिए नए अवसरों की घोषणा की है। विभिन्न राज्य सरकारों एवं निजी क्षेत्र ने भी नौकरियों में इन्हें वरीयता देने का आश्वासन दिया है।
सैनिक स्कूलों में प्रवेश अधिक सुलभ बनाने के लिए मंत्रालय ने गैर सरकारी संगठनों, निजी स्कूलों, राज्य सरकारों के साथ साझेदारी में 13 राज्यों एवं एक केंद्र शासित प्रदेश में 19 स्कूलों के खोले जाने की अनुमति दी गयी है। ये स्कूल partnership mode में देश भर में स्थापित किये जाने वाले 100 नए सैनिक स्कूलों में से हैं। सभी सैनिक स्कूलों में लड़कियों को प्रवेश दिया जा रहा है।
मुझे इस बात का भी अत्यंत हर्ष हो रहा है, कि भारत ने इस वर्ष बर्मिंघम में संपन्न Commonwealth Games में बेहतरीन प्रदर्शन कर पदक तालिका में चौथा स्थान प्राप्त किया है। इस उपलब्धि में हमारी armed forces के खिलाडियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है, जिन्होंने जीते गए कुल 61 पदकों में से 06 स्वर्ण सहित कुल 15 पदक प्राप्त किये हैं।
मेरे प्यारे सैनिकों,
माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के सपने को साकार करते हुए रक्षा मंत्रालय ने पिछले वर्ष, मूल्य के आधार पर 90 प्रतिशत से अधिक की खरीद domestic vendors के लिए अनुमोदित किया है। इसके अलावा, हमने 2021-22 में defence export में 13,000 करोड़ रुपये के उच्चतम आंकड़े दर्ज किए, जो 4-5 साल पहले की तुलना में लगभग आठ गुना अधिक है। Financial Year 2021-22 के दौरान export में 70 प्रतिशत योगदान private sector का रहा है। Ordnance Factory Board का हालिया corporatization सफल कदम साबित हो रहा है और सात नई कंपनियां armed forces की capability development की दिशा में अच्छा काम कर रही हैं। इनमें से छह ने अपने कारोबार के पहले छह महीनों के दौरान ही profit कमाया है। थोड़े समय के भीतर ही ये DPSUs क्रमशः 3,000 करोड़ रुपये और 600 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के domestic contract और export order हासिल करने में भी सफल हुए हैं।
भारतीय नौसेना ने बीते 28 जुलाई को कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड से prestigious Indigenous Aircraft Carrier ‘विक्रांत’ की Delivery लेकर इतिहास रचा है। भारतीय नौसेना के in–house Directorate of Naval Design द्वारा Design किए गए इस वाहक का नाम भारत के एक पूर्ववर्ती एयरक्राफ्ट कैरियर के नाम पर रखा गया है, जिसने 1971 के युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इसके अतिरिक्त मई 2022 में, दो Indigenous Frontline Warships – INS सूरत, और INS उदयगिरी की commissioning की गई। ये warships दुनिया को, भारत की strategic power और आत्मनिर्भरता का परिचय देती हैं।
नौसेना द्वारा डोर्नियर समुद्री aircraft पर women pilots के पहले बैच की तैनाती भी एक उल्लेखनीय कदम है। परिणामस्वरूप Naval Air Enclave, पोरबंदर स्थित INS 314 की मिशन कमांडर, लेफ्टिनेंट कमांडर आंचल शर्मा की अगुवाई में पांच officers ने 03 अगस्त 2022 को डोर्नियर 228 aircraft से North Arabian Sea में first-ever all-women independent maritime reconnaissance and surveillance mission पूरा कर इतिहास रचा। इकतीस महिला अधिकारियों को लगभग 12 frontline warships पर on-board appoint किया गया है। इतना ही नहीं, नौसेना ने हाल ही में अफसर कैडर के अतिरिक्त अब sailors की नियुक्तियों में भी women के प्रवेश के रास्ते खोले हैं।
इसके अतिरिक्त, मार्च 2022 में, सरकार ने Army एवं Airforce के लिये हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड से 15 light Combat Helicopter खरीदने की मंजूरी दी। स्वदेश-निर्मित ये अत्याधुनिक लड़ाकू हेलीकॉप्टर Army एवं Air force की operational requirements को पूरा करने में सार्थक सिद्ध होंगे। सितम्बर 2021 में DRDO ने राजस्थान के जैसलमेर में भारतीय वायुसेना को Air Defence Missile system सौंपा। मेरा मानना है कि एमआर-सैम Air Defence system एक game changer साबित होगा। यह भारत की आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ी छलांग है।
मेरे प्यारे सैनिकों,
Defence sector में राष्ट्र तेजी से आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है। थल सेना में एमबीटी अर्जुन मार्क-1ए को शामिल किया गया है जिससे हमारी मारक क्षमता में वृद्धि हुई है। Indian Navy, और Indian Coast guard में ALH mark-थ्री, Air Force में LCA तेजस के शामिल होने के साथ आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना को और मजबूती मिली है। DRDO द्वारा designed और developed advanced electronic warfare suite ‘शक्ति’ को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 19 नवंबर 2021 को Indian Navy को सौंपा है।
सरकार की ‘Start-up इंडिया’ पहल के अंतर्गत state-of-the-art technologies की मदद से हमारी armed forces की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अनेक start-ups आगे आ रहे हैं। इस वर्ष के ‘Beating the Retreat’ ceremony में भी एक ऐसे ही स्टार्टअप ने 1,000 drones की musical performance प्रस्तुत की। यह performance इतना मशहूर हुआ, कि विदेशों से भी इस तरह के प्रदर्शन के लिए आग्रह आने लगे हैं।
मेरे प्यारे सैनिकों,
Indian Coast Guard ने हमारे समुद्र तथा तेल, मत्स्य एवं खनिज सहित off-shore assets के संरक्षण, एवं संकटग्रस्त नाविकों की सहायता तथा समुद्र में जान-माल की सुरक्षा में अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसके अतिरिक्त smuggling रोकने में और मानवीय सहायता एवं आपदा राहत में भी coast guard का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। पिछले एक साल के दौरान Indian Coast Guard ने जोश के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया है। Coast guard ने इस अवधि में 170 सर्च एवं रेस्क्यू मिशन कर 939 लोगों की जान बचाई और 24 अनधिकृत मछली पकड़ने वाले विदेशी नौकाओं को पकड़ा है।
यह अपार हर्ष का विषय है कि Border Roads Organization ने पिछले कुछ वर्षों में strategic viewpoint से महत्वपूर्ण कई roads और tunnels भी बनाये हैं, जो न केवल हमारी defence capability में qualitative वृद्धि करते हैं, बल्कि उन क्षेत्रों में रह रहे लोगों के जीवन को सुगम भी बनाते हैं। BRO ने पिछले पांच वर्षों में कुल मिलाकर 20,767.41 करोड़ रूपये की लागत से all-weather 3,595.06 किलोमीटर सड़कों का निर्माण किया है।
Financial year 2021-22 में, BRO द्वारा record 102 infrastructure projects, जिसमें से 87 पुल और 15 सड़कें शामिल हैं, पूरी की गईं जो एक वर्ष में अब तक सबसे अधिक projects हैं। विगत दिसंबर में मुझे एक साथ चार states, और दो union territories में BRO द्वारा निर्मित 24 पुलों, तथा तीन सड़कों को वर्चुअल माध्यम से राष्ट्र को समर्पित करने का अवसर मिला। इसमें पूर्वी लद्दाख में उमलिंग ला pass पर दुनिया की सबसे ऊंची motorable road भी शामिल है।
मेरे प्यारे सैनिकों, हमारे एनसीसी कैडेटों की training को आधुनिक बनाने के लिए सरकार देश भर में एनसीसी कैडेटों को उनके संबंधित क्षेत्रों में training प्राप्त करने में सक्षम बनाने के लिए high technology वाले simulator स्थापित कर रही है। एनसीसी का मित्र देशों के समान युवा संगठनों के साथ vibrant youth exchange programme है। इस समय भी एनसीसी द्वारा एक विशेष Youth Exchange programme आयोजित किया जा रहा है, जिसमें विभिन्न महाद्वीपों में फैले 14 देशों के 124 कैडेट भाग ले रहे हैं। ‘स्वच्छ भारत’ के संदेश को आगे बढ़ाते हुए, पुनीत सागर अभियान के तहत युवा एनसीसी कैडेटों ने समुद्र तटों, नदी के किनारों एवं अन्य जल निकायों को प्लास्टिक और अन्य कचरे से मुक्त करने के लिए स्थानीय लोगों में जागरूकता फ़ैलाने का सराहनीय काम किया है। इसकी सफलता को देखते हुए अन्य stakeholders को शामिल कर हमने इसे एक साल का कार्यक्रम बना दिया है।
मेरे प्यारे सैनिकों, हमारे वीरता पुरस्कार विजेताओं को सम्मानित करने के लिए रक्षा मंत्रालय द्वारा एक dedicated वीरता पुरस्कार पोर्टल बनाया गया है। यहाँ पुरस्कार विजेताओं की जानकारी, प्रेरक वीडियो और युद्ध के इतिहास का भंडार होने के अलावा, ‘गैलेंट्रीपीडिया’ जैसे interactive corner भी हैं। इसमें नागरिकों को योद्धाओं को न केवल श्रद्धांजलि अर्पित करने, बल्कि उनके विषय में जानकारी एवं चित्र साझा करने का भी अवसर मिलता है।
अपने सैनिकों के स्वास्थ्य को अत्यधिक महत्व देते हुए हमने मिशन मोड में उनका 100 प्रतिशत कोविड vaccination कराया है। यहां तक कि अमृत महोत्सव के अवसर पर बूस्टर डोज अभियान भी लगातार चल रहा है जिसमें पात्र सैन्य कर्मियों का vaccination किया जा है। Cantonment boards में रह रहे Armed forces एवं अन्य निवासियों को आयुर्वेद का लाभ पहुंचाने के लिए Cantonment board hospitals और सैन्य अस्पतालों में आयुर्वेदिक केंद्र खोले गए हैं। यहाँ उनका उपचार आयुर्वेद चिकित्सकों द्वारा होता है।
मेरे प्यारे सैनिकों, हमारे पूर्व सैनिकों का कल्याण हमेशा इस सरकार की प्राथमिकता रही है। Pension distribution process को आसान और तेज करने के लिए स्पर्श प्रणाली लागू की गई है। इस एंड-टू-एंड डिजिटल पेंशन system ने औसतन स्वीकृति समय को छह महीने से घटाकर 17 दिन कर दिया है। Corrigendum PPO पहले 12 महीने की अवधि के मुकाबले केवल 2-3 दिनों में ही लागू किया जाता है। यह प्रणाली pension orders और pension statement का सुलभ online storage भी करती है।
माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के ‘हर घर तिरंगा’ मुहिम में पूरा देश बढ़-चढ़कर भाग ले रहा है। हमारी Armed forces ने हमेशा राष्ट्रीय ध्वज का मान बढ़ाया है। मुझे विश्वास है, कि इस अभियान में भी armed forces के प्रत्येक सैनिक न केवल अपने घर पर झंडा फहराएंगे, बल्कि अपने friends एवं relatives को भी ऐसा करने के लिए encourage करेंगे।
अंत में, मैं एक बार पुनः, आप सभी को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ देता हूँ। यह राष्ट्र पूर्णतः आश्वस्त है, कि हरेक परिस्थिति में आप सभी इसकी गरिमा, एकता और अखंडता बनाए रखेंगे, और इसे नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने में अपना महत्त्वपूर्ण योगदान देंगे। इसी के साथ मैं अपना निवेदन समाप्त करता हूँ। आप सबको बहुत-बहुत धन्यवाद!
जय हिंद!