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याद ए शिकुम काव्य संध्या में कवियों ने रंग जमाया।

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Positive India: रायपुर।राजधानी की प्रतिष्ठित सामाजिक संस्था वक्ता मंच द्वारा 22 दिसंबर की संध्या वृन्दावन सभागृह में संपन्न “याद ए शिकुम”कार्यक्रम में प्रदेश भर के स्थापित व नवोदित कवियों ने विविध रसो व विषयों पर कविता की गंगा बहा दी। कार्यक्रम में कुमार जगदलवी,राजकुमार मसंद,सुनीता शर्मा नीतू,डॉ इंद्रदेव यदु अतिथि के रूप में उपस्थित थे।वक्ता मंच के अध्यक्ष राजेश पराते ने जानकारी दी है कि कार्यक्रम के अंत में काव्य संध्या में काव्य पाठ प्रस्तुत करनेवाले समस्त रचनाकारों को शिकुन स्मृति सम्मान प्रदान किया गया।आज की काव्य संध्या में यशवंत यदु,परमानंद साहू,रवि यदु,सिंधु झा,सोनल शर्मा,लीलाराम,रामेश्वर शर्मा,दुष्यंत कुमार साहू,सम्पुट गुरु सोनी,शुभम साहू,नागेश कश्यप,अनिल श्रीवास्तव जाहिद,छत्रसिंह बच्छावत,शिवानी मैत्रा,हरीश अष्टबन्धु,वीरेंद्र कंसारी,ईश्वर साहू,प्रमिला शर्मा,मो हुसैन,चंद्र कुमार कश्यप,मिनेश कुमार साहू,लोकनाथ साहू आलोक,नीता भंडारकर,इंद्रप्रीत कौर,सुरेन्द्र साहू,शिव सोनी,प्रगति पराते,अक्षय शर्मा,डॉ रत्ना पाण्डेय,विकास कश्यप,लिलेश्वर देवांगन,पोषण कुमार वर्मा,निसार अली,सरोज सप्रे,ममता आहार,डॉ सीमा श्रीवास्तव,प्रमिला शर्मा,पूर्णेश डडसेना,संजीव ठाकुर,आशुतोष कुमार उपाध्याय सहित 50 से अधिक साहित्यकारों ने शिरकत की।यशवंत यदू की इन पंक्तियों ने तालियां बटोरी :-
आदरणीय मुखिया जी वायदों की बात करो
किसानो का कर्जा माफ़ हो
नियमितीकरण का रास्ता साफ़ हो
चिटफंड की रकम का इंतजाम हो
दारु भट्टी का रास्ता जाम हो
इन वायदों की अब बात करो।
अनिल श्रीवास्तव जाहिद ने अपनी कविता इस अंदाज में पेश की:-
मुहब्बत से,शराफत से,अदावत से,बगावत से,
जरुरत जैसे होती है मैं वैसे पेश आता हूँ1।
मुंगेली से आये नागेश कश्यप ने कहा:-
मोर छ ग के चन्दन माटी,नित बंदन मैं हर तोर करव,
अरजी सुन मोर विनती भगवन,सबो जनम मैं ईहे धरव ।
काव्य गोष्ठी के अंत में वरिष्ठ साहित्यकार मीर अली मीर एवं उर्मिला देवी ने प्रस्तुत कविताओं की समीक्षा करते हुये कवियों का उत्साहवर्धन किया।

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