Positive India:Nov 19;2020.
रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत आने वाली जमीन के सही प्रबंधन में सुधान को ध्यान में रखते हुए मंत्रालय ने पहली बार रक्षा संपदा महानिदेशालय और सशस्त्र बलों के सहयोग से भू प्रबंधन प्रणाली स्थापित की है। इसके पोर्टल का औपचारिक उद्घाटन आज रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय सेना, रक्षा संपदा महानिदेशालय और सशस्त्र बलों के अन्य पदाधिकारियों की उपस्थिति में किया। इस अंतरविभागीय पोर्टल की मदद से अब रक्षा मंत्रालय द्वारा संबंधित जमीनों के बारे में प्राप्त तमाम आवेदनों को डिजिटल किया जाएगा। साथ ही आर्काइव में रखे दस्तावेजों और संबंधित आंकड़ों को भी डिजिटल रूप दिया जाएगा। 2016 से लेकर अब तक के सभी मामलों के आंकड़ों को भी इस पोर्टल पर संरक्षित किया जाएगा। इससे पहले के डेटा को भी आने वाले वक्त में पोर्टल पर चढ़ाया जाएगा जो विभागीय इस्तेमाल के लिए उपलब्ध होगा न कि सार्वजनिक इस्तेमाल के लिए।
उम्मीद जताई जा रही है कि इस पोर्टल से विभाग के भूमि संबधित मामलों के निपटारे में तेजी और पारदर्शिता आएगी और इन्हें प्रभावी तौर पर हल किया जा सकेगा। भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) आधारित तकनीक से विभाग की कार्यशैली में निर्णय लेने की क्षमता को बल मिलेगा। निर्णय लेने की प्रक्रिया में शामिल विभिन्न हितधारकों के बीच दोहराव या अनावश्यक संचार को कम करने में मदद मिलेगी जिससे जल्दी फैसले लेने में आसानी होगी।
इस भौगोलिक सूचना प्रणाली आधारित व्यवस्था को तकनीकी तौर पर मदद भारत के उम्दा जीआईएस आधारित सूचनाविज्ञान के संगठन बीआईएसएजी से मिलेगी। ये सॉफ्टवेयर, रक्षा प्रबंधन से संबंधित सभी प्रस्तावों के शाब्दिक विवरण को एकत्रित करने के अलावा, इस डेटा को रक्षा भूमि नाम के सॉफ्टवेयर में समाहित करेगा। इसके अलावा ये अन्य प्रासंगिक जीआईएस-परतों जिसमें क्षेत्र की उपग्रह से प्राप्त तस्वीरों और अन्य जरूरी चीजों को भी एकीकृत करता है।